Ganesh Utsav 2024 : बड़ेडोंगर जिसे बस्तर रियासत काल की राजधानी के रूप में जाना जाता है। आज ‘देव नगरी’ के नाम से पहचाना जाता है। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है, जहां मां दंतेश्वरी पहाड़ों के बीच विराजमान हैं, और विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिर और स्थल बिखरे हुए हैं। क्षेत्र के निवासियों की मान्यता है कि बड़ेडोंगर देवलोक के समान है और यह क्षेत्र चारों ओर पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है, जिनमें अनेक देवी-देवताओं का वास है।
‘देव नगरी’ के नाम से है प्रसिद्ध
बड़ेडोंगर जिसे बस्तर रियासत काल की राजधानी के रूप में जाना जाता है। आज ‘देव नगरी’ के नाम से पहचाना जाता है। यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है, जहां मां दंतेश्वरी पहाड़ों के बीच विराजमान हैं, और विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिर और स्थल बिखरे हुए हैं। क्षेत्र के निवासियों की मान्यता है कि बड़ेडोंगर देवलोक के समान है और यह क्षेत्र चारों ओर पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है, जिनमें अनेक देवी-देवताओं का वास है।
पहाड़ों में मां दंतेश्वरी विराजित हैं
बड़ेडोंगर के चारों दिशाओं में भगवान गणेश की कई प्राचीन मूर्तियाँ स्थापित हैं, जो आज भी खुले में रखी हुई हैं और विधिवत रूप से उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। यहां के पहाड़ों में मां दंतेश्वरी विराजित हैं, और उनकी सुरक्षा के लिए सीढ़ियों पर स्वयं गणेश जी विराजमान हैं। हवन स्थल और मंदिर परिसर में भी आदिकाल से गणेश की प्रतिमाएँ स्थापित हैं, जिनकी पूजा निरंतर होती रहती है। मां दंतेश्वरी के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और गणेश जी की पूजा प्रतिदिन की जाती है।
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