छत्तीसगढ़ से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। अंबिकापुर जिले में 8 माह की गर्भवती युवती का जबरन गर्भपात कराया गया। गर्भपात के बाद युवती ने इसकी शिकायत एसपी से की। युवती ने अपनी शिकायत में बताया कि वह एक युवक के साथ पिछले दो सालों से प्रेम संबंध में थी। इस बीच दोनों ने 2 साल तक उससे शारीरिक संबंध बनाया।
इस दौरान वह प्रेग्नेंट हो गई। युवती आठ माह की गर्भवती थी। वहीं युवती के प्रेमी को बच्चा नहीं चाहिए था। जिसके बाद युवक ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर गर्भपात कराने की साजिश रची। इसके बाद प्रेमी के रिश्तेदारों ने मुंह में जबरदस्ती गर्भपात की 3 गोलियां रखकर स्प्राइट पिला दिया था। युवक के रिश्तेदारों में पूर्व उपसरपंच, एक महिला समेत अन्य शामिल हैं। उसने बताया कि अगले दिन उसका प्रसव हो गया। बच्चा जिंदा था।
20 दिन तक यह कहकर बच्चे को उससे दूर रखा गया कि उसका इलाज चल रहा है। इसके बाद कहा कि बच्चा मर गया। हमने उसे दफना दिया है। युवती ने बच्चे को मार डालने का आरोप लगाते हुए एसपी से मृत बच्चे को दिलाने की मांग की है ताकि वह उसका रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार कर सके। मामले में पुलिस ने चारों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
युवती पर गर्भपात कराने का बनाया दबाव
मिली जानकारी के मुताबिक, पीडि़ता ने पुलिस को बताया है कि ग्राम मलगवां खुर्द के पूर्व उपसरपंच कृष्णा यादव, संतोष यादव एवं पार्वती यादव के परिवार के सदस्य मनीष यादव ने शादी का झूठा वादा करके साल 2022 से युवती के साथ लगातार शारीरिक संबंध बना रहा था। इस दौरान वह प्रेग्नेंट हो गई। युवती 8 माह की गर्भवती हो गई थी। इसकी जानकारी आरोपी युवक के मामा समेत अन्य को मिली तो वह युवती पर लगातार गर्भपात कराने दबाव बना रहे थे।
आरोप है कि उपसरपंच सहित अन्य उसे किराए के मकान से निकलने नहीं देते थे और गर्भ में पल रहे शिशु को नहीं रखने पर ही उसका विवाह मनीष यादव से कराने का झांसा देने में लगे थे। इसके बाद गर्भवती युवती को अंधेरे में रखकर वे मनीष यादव का विवाह अन्यत्र करा दिए। इस संबंध में जब उसे पता चला तो उसने आपत्ति की थी।
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