छत्तीसगढ़ में इस बार 5वीं और 8वीं कक्षा की परीक्षाओं का आयोजन सेंट्रलाइज्ड (केंद्रीकृत) तरीके से नहीं किया जाएगा। हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह अहम फैसला सुनाया। इसका मतलब यह है कि राज्य सरकार अब प्राइवेट स्कूलों में इन कक्षाओं की परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगी।
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प्राइवेट स्कूलों के छात्रों को ऑप्शन
हालांकि, प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को यह विकल्प दिया गया है कि वे यदि चाहें तो राज्य शिक्षा विभाग की केंद्रीकृत परीक्षा में भाग ले सकते हैं। यह फैसला प्राइवेट स्कूलों के लिए एक राहत के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि वे पहले से ही अपने पाठ्यक्रम के अनुसार परीक्षाओं की तैयारी करवा रहे हैं।
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क्या था मामला?
छत्तीसगढ़ सरकार ने 26 नवंबर 2024 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि 5वीं और 8वीं कक्षा की परीक्षाएं पूरे राज्य में एक समान तरीके से सेंट्रलाइज्ड पद्धति से आयोजित की जाएंगी। इसके तहत पूरे राज्य में एक ही टाइम टेबल और एक जैसा पेपर होने वाला था। लेकिन प्राइवेट स्कूलों और अभिभावक संघ ने इस आदेश का विरोध करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष, राजीव गुप्ता ने कहा कि राज्य शिक्षा सचिव ने 3 दिसंबर 2024 को आदेश जारी किया था कि 5वीं और 8वीं के सभी छात्रों को सेंट्रलाइज्ड परीक्षा में शामिल होना होगा। हालांकि, उनकी मांग थी कि इस साल के लिए प्राइवेट स्कूलों को इस परीक्षा से छूट दी जाए, क्योंकि वे छात्रों को उन किताबों से नहीं पढ़ा रहे हैं जिनसे परीक्षा में सवाल पूछे जाएंगे।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों की आपत्ति पर गौर करते हुए, सेंट्रलाइज्ड परीक्षा को ऐच्छिक (ऑप्शनल) बना दिया। अब प्राइवेट स्कूलों के छात्र अगर चाहें तो शिक्षा विभाग की केंद्रीकृत परीक्षा में शामिल हो सकते हैं, अन्यथा वे अपनी स्कूल द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं।
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