CG News : रोजी न रोजगार- खजाना खाली, 28 में से 26 योजनाओं पर ताला

Chhattisgarh Government Employment Schemes : भूपेश बघेल सरकार ने आरक्षित वर्गों के लिए स्वरोजगार की करीब 28 योजनाएं शुरू की थीं। इनमें से 26 येाजनाएं बंद हैं और सिर्फ दो योजनाएं ही संचालित हो रही हैं।

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Arun tiwari
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Government schemes for making youth employable and entrepreneurial the sootr
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Chhattisgarh Government Employment Schemes . छत्तीसगढ़ में पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और विष्णु सरकार के पास उनको नौकरी देने का कोई मुकम्मल प्लान नहीं है। न उनके हाथ में नौकरी है और न ही स्वयं का रोजगार। सरकार की युवाओं को उद्यमी बनाने की दो दर्जन योजनाओं पर ताला लगा है।

युवाओं को कर्ज देकर खुद का रोजगार खोलने की 28 योजनाओं में से 26 योजनाएं बंद हो गई हैं। ये योजनाएं खासतौर पर कमजोर तबके के लिए थीं। इन योजनाओं के तहत आसान किश्तों पर 20 हजार से 30 लाख रुपए तक लोन दिया जाता था, ताकि बेरोजगार इससे अपना खुद का रोजगार कर सकें।

सरकार के पास इतना फंड नहीं है कि इन योजनाओं को चलाया जा सके। अब प्रदेश के 18 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवाओं पर दोहरी मार पड़ रही है। व्यापम और पीएससी भर्ती निकाल नहीं रहे और सरकार ने स्वरोजगार की दो दर्जन योजनाएं बंद कर दी हैं। 

इन योजनाओं पर लगा ताला 

सरकार के रोजगार विभाग ने आरक्षित वर्गों के लिए स्वरोजगार की करीब 28 योजनाएं शुरू की थीं। ये योजनाएं पिछली भूपेश सरकार के समय शुरू की गईं थीं। इनका मकसद बेरोजगारों को खुद का रोजगार करने के लिए सरकार की तरफ से आर्थिक मदद देना था।

इनमें से 26 येाजनाएं बंद हैं और सिर्फ दो योजनाएं ही संचालित हो रही हैं। सरकार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है और उस पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है, इसलिए पिछले 10 महीने में नई सरकार स्वरोजगार की इन योजनाओं को चालू नहीं कर पाई है।

राष्ट्रीय नियम योजना के तहत एससी,एसटी,ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए स्वरोजगार की योजनाएं शुरु की गईं थीं। इन योजनाओं में अंत्योदय स्वरोजगार योजना, आदिवासी स्वरोजगार योजना और मिनीमाता स्वावलंबन योजना संचालित की जा रही थी।

इनमें पैसेंजर ट्रांसपोर्ट व्हीकल, गुड्स कैरियर, और ट्रैक्टर ट्रॉली खरीदने के लिए आसान किश्त और कम ब्याज दर पर लोन दिया जाता था। इनके अलावा स्मॉल बिजनेस योजनाएं भी शामिल हैं। इन योजनाओं में 30 लाख तक का कर्ज दिया जाता था लेकिन अब ये लोन युवाओं को मुहैया नहीं हो पा रहा है। युवाओं के आवेदनों की भरमार है लेकिन उनके पास रोजगार नहीं है। 

आदिवासी वर्ग की योजनाएं भी बंद 

 इसी तरह आदिवासी वर्ग की आदिवासी महिला सशक्तीकरण, पैसेंजर ट्रांसपोर्ट व्हीकल, ट्रैक्टर ट्रॉली, डीजल-ऑटो रिक्शा, स्मॉल बिजनेस-1 व 2, शिक्षा ऋण योजना,ओबीसी वर्ग की टर्म लोन, व्यक्ति मूलक-टर्म लोन, न्यू स्वर्णिमा, शिक्षा ऋण योजना, अल्पसंख्यक वर्ग के लिए टर्म लोन एवं शिक्षा ऋण, सफाई कामगार वर्ग के लिए माइक्रो क्रेडिट, महिला समृद्धि, महिला अधिकारिता, मालवाहक ऑटो रिक्शा योजना शामिल है। मिनी माता स्वावलंबन योजना के तहत 3 साल तक नियमित किस्त जमा करने पर 75 फीसदी की सब्सिडी है। लेकिन अब न तो योजना चालू है और न सब्सिडी मिल रही है। 

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महज दो योजनाएं चालू 

फिलहाल दो योजनाएं ही चल रही हैं इनमें अंत्योदय स्वरोजगार और आदिवासी स्वरोजगार योजना शामिल हैं। इन योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में बेरोजगारों को ऋण उपलब्ध कराने का टारगेट भी रखा गया है।  

रायपुर जिले में अंत्योदय स्वरोजगार योजना के तहत 1095 लोगों को ऋण का टारगेट रखा गया है। इसकी तुलना में 735 के ऋण स्वीकृत भी हो चुके हैं। इसी प्रकार आदिवासी स्वरोजगार के तहत टारगेट 24 है, लेकिन विभाग के पास टारगेट से ज्यादा 39 आवेदन आए हैं, जिनमें से 19 को स्वीकृति मिल चुकी है। इन दोनों योजना में 10 हजार रुपए का अनुदान राशि का प्रावधान है।

एक साल से नहीं निकलीं भर्तियां 

सीजीपीएससी में पिछले एक साल से कोई भर्ती नहीं निकाली गईं हैं। छत्तीसगढ़ में सीएम विष्णुदेव साय की सरकार बने भी नौ महीने हो गए हैं लेकिन सरकार एक अदद पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं कर पाई है इससे तो यही नजर आता है कि युवाओं को नौकरी देने के मामले में सरकार सीरियस नहीं है। सरकारी आकड़ों के अनुसार प्रदेश में 18 लाख से ज्यादा पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं, जिन्हें नौकरी की दरकार है।

यह तो सिर्फ सरकारी आंकड़ा है असलियत में इनकी संख्या दोगुनी से ज्यादा है। पीएससी की राह पर ही व्यापम है। यहां भी यही स्थिति है। एसआई की परीक्षा दिए उम्मीदवारों को छह साल हो गए है लेकिन उनकी परीक्षा का नतीजा अभी तक नहीं आ पाया है।

 वे पिछले 15 दिन से आंदोलन पर हैं। शिक्षकों की भर्ती का भी यही आलम है। यदि सरकार इसी तरह इन अहम मुद्दों को नजरअंदाज करती रही तो फिर युवाओं के भविष्य का क्या होगा।

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