लॉ एंड ऑर्डर पर घिरी सरकार का नया फैसला, फील्ड में उतरेंगे डीजीपी से एसपी स्तर तक के अफसर

कांग्रेस लगातार सरकार को प्रदेश में हो रहे अपराधों के मुद्दे पर घेर रही है। इस मुद्दे से निपटने और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने नया फैसला लिया है।

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Arun tiwari
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Government's new decision surrounded law and order
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कानून व्यवस्था मुद्दे पर विष्णु सरकार निशाने पर है। विधानसभा में भी यह मामला खूब गरमा चुका है। कांग्रेस लगातार सरकार को प्रदेश में हो रहे अपराधों के मुद्दे पर घेर रही है। इस मुद्दे से निपटने और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने नया फैसला लिया है। इस फैसले के तहत टीआई से लेकर एसपी तक की जवाबदेही तय की जाएगी। साथ ही आईपीएस अफसरों को फील्ड में उतारा जाएगा। एसपी से लेकर डीजीपी तक मैदान में उतरेंगे। यह अभियान सितंबर से शुरु होगा। 



सितंबर से सुरक्षा का नया अभियान



सरकार सितंबर से सुरक्षा का नया अभियान शुरु करने जा ही है। इसमें महिला सुरक्षा पर खास फोकस किया जा रहा है। लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास जगाने के लिए एसपी से लेकर डीजीपी तक को मैदान में उतारा जा रहा है। ये अफसर जनता के बीच जाएंगे और उनको भरोसा दिलाएंगे कि कानून और पुलिस उनके साथ है। एसपी जिले में, डीआईजी और आईजी अपनी रेंज में और डीजीपी पूरे प्रदेश में लोगों के बीच जाएंगे।

इसके अलावा अपराध होने पर अफसरों की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। टीआई से लेकर एसपी तक अपराध के लिए जवाबदेह होंगी। पूरे सितंबर महीने में सरकार इस अभियान को चलाएगी। इसके बाद इसकी समीक्षा की जाएगी। लोगों से सुझाव भी मांगे जाएंगे साथ ही उनकी सुरक्षा संबंधी चिंताओं को भी दूर किया जाएगा। सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि आईपीएस अफसरों को एक रात तहसील मुख्यालय पर भी रोका जाए ताकि आसपास के लोग सीधे एसपी से मिल सकें। इसके बाद उनको गांव में रुकने को भी कहा जाएगा।  



कांग्रेस ने साधा निशाना



डिप्टी सीएम एवं गृह मंत्री विजय शर्मा - कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार सरकार को निशाने पर ले रही है। कांग्रेस ने एक विशेषांक भी निकाला है जिसमें बीजेपी सरकार में हुए अपराधों का जिक्र करते हुए छत्तीसगढ़ को अपराध प्रदेश करार दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार के समय ही अपराधों में इजाफा हो जाता है। कांग्रेस ने बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम करार देते हुए गृह मंत्री का इस्तीफा भी मांगा है। विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस और मुखर होकर सरकार के विरोध में खड़ी हो गई है। 



आखिर क्यों है मुद्दा-कानून व्यवस्था



प्रदेश प्रभारी,कांग्रेस सचिन पायलट - आखिर यहां पर सवाल उठता है कि कानून व्यवस्था इतना बड़ा मुद्दा क्यों है। द सूत्र ने इसकी पड़ताल की। भूपेश सरकार के आखिरी छह महीने और विष्णु सरकार के पहले छह महीने के अपराध के आंकड़े निकाले। इन आंकड़ों में साफ नजर आता है कि नक्सली फ्रंट पर तो सरकार सख्त है लेकिन हत्या,चोरी,लूट और महिला अपराधों में वो लाचार नजर आती है। बीजेपी सरकार पिछली भूपेश सरकार पर सवाल तो उठाती है लेकिन अपराधों के आंकड़े कमोबेश वहीं हैँ जो पहले थे। एक,दो अपराध कम हो सकते हैं लेकिन इनको उल्लेखनीय नहीं कहा जा सकता। इससे ये माना जा सकता है कि जितना फोकस सरकार ने नक्सली मामलों में किया उतना दूसरे अपराधों पर नहीं किया गया। 

यह हैं अपराध के आंकड़े :

                

भूपेश सरकार_1 जनवरी से 30 जून 2023 विष्णु सरकार 1 दिसंबर से 20 जुलाई 2024 
हत्या                 500        499
डकैती                 28          23
लूट                  202          204
सेंधमारी                1958            1885
चोरी                3986            3939
बलात्कार                1294              1291
यौन उत्पीड़न                 859               803

  

अपराधों के मामलों में कमी नहीं आ पाई है। भूपेश सरकार के छह महीनों में 9361 तो विष्णु सरकार के पहले छह महीनों में अपराध 9061 हुए। यानी इन छह महीनों में भूपेश सरकार के मुकाबले विष्णु सरकार अपराधों में एक फीसदी की कमी भी नहीं कर पाई है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में अपराध बड़ा मुद्दा बना हुआ है।

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