RAIPUR. GST की कार्रवाई में विभाग के अधिकारियों ने तलाशी अभियान चलाया और 13 फर्जी फर्मों के एक नेटवर्क का पर्दाफाश किया। ये कार्रवाई करते हुए, फेक इनवॉइस सेल, सीजीएसटी, मुख्यालय, रायपुर के अधिकारियों ने की है। खुफिया जानकारी और डाटा विश्लेषण के आधार पर यह पता चला कि जीएसटी के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट गलत तरीके से लेने और आगे पारित करने के लिए कई फर्जी फर्मे बनाई गई है।
आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए
तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटोग्राफ, हस्ताक्षरित चेक बुक, मोबाइल के साथ-साथ कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। इस संबंध में सभी फर्जी फर्मों के जीएसटी रिटर्न एक ही आईपी एड्रेस से दाखिल किए जा रहे थे। व्यापक निगरानी के बाद उस स्थान की पहचान की गई जहां से संदिग्ध गतिविधियां संचालित हो रही थी। साथ ही वस्तुओं और सेवाओं की किसी भी प्रकार की आपूर्ति किए बिना केवल फर्जी चालान बनाने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे।
रायपुर निवासी हेमंत कसेरा निकला मास्टरमाइंड
जीएसटी विभाग की कार्रवाई में पता चला कि रायपुर निवासी हेमंत कसेरा इन फर्जी फर्मों को बनाने और चलाने के मामले में मास्टरमाइंड है। तथ्यों और सबूतों के साथ पूछताछ करने पर मास्टरमाइंड हेमंत कसेरा ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने के उद्देश्य से फर्जी फर्मों का एक समूह बनाने की बात स्वीकार की। साथ ही उसने यह भी बताया कि फरवरी 2024 तक 62.73 करोड़ रुपए का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्राप्त किया है और अन्य टैक्सपेयर्स को 51.42 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पास ऑन किए हैं।
फर्जी बीलिंग में अब तक सीजीएसटी ने 15 की गिरफ्तारी
केंद्रीय जीएसटी टीम द्वारा सीजीएसटी अधिनियम में 3 अप्रैल 2024 को हेमंत कसेरा को गिरफ्तार किया गया है। वहीं अदालत में पेश किया गया और सीजेएम कोर्ट ने आरोपी की न्यायिक हिरासत मंजूर कर ली है। सीजीएसटी रायपुर ने कर चोरों के खिलाफ और विशेष रूप से फर्जी बिलिंग के कारोबार में शामिल करदाताओं के खिलाफ सख्त प्रवर्तन कार्रवाई की है। इन गिरफ्तारियों के साथ, जीएसटी कानून लागू होने के बाद से फर्जी बिलिंग के संबंध में सीजीएसटी रायपुर द्वारा की गई कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है।