/sootr/media/media_files/2025/07/01/poor-condition-of-sendri-mental-hospital-the-sootr-2025-07-01-13-32-53.jpg)
छत्तीसगढ़ के एकमात्र सरकारी मानसिक चिकित्सालय, सेंदरी की दुर्दशा पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। समाचार पत्रों में अस्पताल की अव्यवस्थाओं की खबरें सामने आने के बाद कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया। कोर्ट कमिश्नर की जांच में कई गंभीर खामियां उजागर हुईं, जिसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को जवाब तलब किया है।
जनहित याचिका ने खोली व्यवस्था की पोल
मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के प्रावधानों और बुनियादी सुविधाओं के अभाव को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट लीगल सर्विस कमेटी और एक अन्य याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर ऋषि राहुल सोनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सेंदरी मानसिक चिकित्सालय की स्थिति अत्यंत दयनीय है। अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है, और सेटअप के अनुरूप पर्याप्त स्टाफ नहीं है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर और कर्मचारी सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक ड्यूटी के लिए उपस्थित रहने के बजाय मात्र 1 से 1.5 घंटे ही अस्पताल में रुकते हैं, जिसकी पुष्टि उपस्थिति पंजी और CCTV फुटेज से होती है।
वाटर कूलर खराब, स्वच्छता पर ध्यान नहीं
कोर्ट कमिश्नर ने यह भी उजागर किया कि अस्पताल में वाटर कूलर खराब है और स्वच्छता का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जा रहा। मरीजों की सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं का अभाव चिंता का विषय है। हालांकि, अस्पताल अधीक्षक ने 17 अप्रैल 2025 को समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को निराधार बताते हुए दावा किया था कि स्टाफ पर्याप्त है, मरीजों को सुरक्षा प्रदान की जा रही है और फार्मासिस्ट की कोई कमी नहीं है।
ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ बना देश का पहला राज्य, जहां अस्पतालों को मिला उद्योग का दर्जा
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर कोर्ट नाराज
पिछली सुनवाइयों में मुख्य सचिव ने शपथ पत्र के जरिए बताया था कि स्वास्थ्य सेवाओं के आयुक्त सह निदेशक ने 1 अप्रैल 2025 को और स्वास्थ्य सचिव ने 8 अप्रैल 2025 को अस्पताल का दौरा कर कमियों को दूर करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद व्यवस्थाओं में सुधार न होने पर चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने नाराजगी जताई और राज्य सरकार से जवाबदेही तय करने को कहा।
16 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
महाधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि सरकार डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए गंभीर है और इसके लिए विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को 16 जुलाई 2025 को होने वाली अगली सुनवाई में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। सेंदरी मानसिक चिकित्सालय की बदहाल स्थिति और कोर्ट की सख्ती ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर किया है, जिसका असर मरीजों की देखभाल और इलाज पर पड़ रहा है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧
अस्पताल की बदहाली | स्वास्थ्य सचिव से मांगा जवाब | छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का फैसला | sendri mental hospital | Chhattisgarh High Court | Action of Chhattisgarh High Court | health secretary notice | mental health | Hospital's poor condition