अरुण तिवारी, RAIPUR. बीजेपी( BJP ) का सूत्रवाक्य है कि मोदी है तो मुमकिन है, लेकिन छत्तीसगढ़ की सियासत में यह थोड़ा कठिन दिखाई देता है। इसके पीछे वजह है तीन महीने पहले हुए यहां विधानसभा चुनाव का वोटिंग पैटर्न। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी सफलता मिली और प्रदेश में सरकार भी बन गई, लेकिन विधानसभा चुनाव के वोटिंग पैटर्न ने मोदी है तो मुमकिन है की टैग लाइन पर सवाल खड़ा कर दिया। वहीं कांग्रेस के लिए भी दिल्ली बहुत दूर है। उसे अपनी लाज बचाने के लिए छह लाख वोटों का पहाड़ चढ़ना पड़ेगा। आखिर क्या है ये पूरा चुनावी चक्कर जिसने नेताओं को बना दिया है घनचक्कर। आइए आपको बताते हैं।
विधानसभा की बिसात पर दिल्ली के मोहरे
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव ( assembly elections ) में बीजेपी ने 90 में 54 सीटें जीतकर अपनी सरकार बनाई। अब बीजेपी के सामने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की चुनौती है। यही कारण है पार्टी लोकसभा की सभी 11 सीटें जीतने का दम भर रही है। विधानसभा का वोटिंग पैटर्न देखें तो बीजेपी 11 में से 8 सीटों पर लीड कर रही है। वहीं कांग्रेस की बढ़त तीन सीटों पर है। यानी मोदी है तो मुमकिन है की टैग लाइन सभी 11 सीटें जीतने में मुश्किल दिखाई दे रही है। वहीं कांग्रेस के लिए भी अपनी लाज बचाने का भारी संकट है। कांग्रेस ने भले ही विधानसभा के वोटिंग पैटर्न में तीन लोकसभा सीटों पर बढ़त हासिल कर ली हो, लेकिन उसके सामने बीजेपी की लीड के 6 लाख वोटों का पहाड़ है। यानी बीजेपी ने विधानसभा सीटों के लिहाज से कांग्रेस से छह लाख वोट ज्यादा हासिल किए हैं। इसे देखकर तो लगता है कि कांग्रेस के लिए भी दिल्ली दूर ही नजर आती है। हालांकि, ये पूरा समीकरण विधानसभा चुनाव के वोटिंग पैटर्न पर आधारित है। यदि लोगों का मूड बदल गया तो परिणाम भी बदल जाएंगे।
बीजेपी को इन लोकसभा सीटों पर बढ़त...
- रायपुर : यहां पर बीजेपी को 2 लाख 44 हजार 222 वोटों की लीड मिली है। रायपुर में 9 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से बीजेपी ने 8 सीट पर और कांग्रेस ने महज 1 सीट पर ही जीत दर्ज की। यहां पर बीजेपी को सात लाख वोट मिले हैं। बीजेपी ने यहां से दो लाख से ज्यादा की लीड ली है।
- बिलासपुर : इस सीट पर विधानसभा की आठ सीटें आती हैं। यहां पर बीजेपी ने 6 सीटें तो कांग्रेस 2 सीट ही हासिल कर पाई है। यहां पर बीजेपी को 99 हजार 345 वोटों से कांग्रेस पर बढ़त मिली है।
- दुर्ग : इस लोकसभा सीट में नौ विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से 7 सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की। जबकि कांग्रेस के खाते में महज 2 विधानसभा सीटें ही आ पाईं। यहां पर बीजेपी को 1 लाख 39 हजार 196 मतों की लीड मिली है। कांग्रेस के लिए इसको पार करना बड़ी चुनौती है।
- राजनांदगांव : इस सीट का वोटिंग पैटर्न थोड़ा अलग है। यहां पर बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस को विधानसभा सीटें हासिल हुईं, लेकिन बीजेपी की जीत का अंतर इतना ज्यादा था कि इस लोकसभा सीट से लीड बीजेपी को ही मिली। यहां पर विधानसभा की आठ सीटें हैं। पांच सीटें कांग्रेस के पास और तीन सीटें बीजेपी के पास हैं। लेकिन यहां पर बीजेपी की लीड 1 लाख 11 हजार 966 है।
- सरगुजा : इस लोकसभा सीट पर आठ विधानसभा सीट आती हैं। यहां पर बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है। बीजेपी ने सभी आठ विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की। यहां पर बीजेपी की लीड का आंकड़ा 1 लाख 57 हजार 873 मतों का है।
- रायगढ़ : यहां पर आठ विधानसभा सीटें हैं। इनमें से चार पर बीजेपी और चार पर कांग्रेस का कब्जा है। यहां पर बीजेपी की बढ़त 42 हजार 720 की है।
- बस्तर : इस लोकसभा सीट पर आठ विधानसभा सीटें हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में इनमें से छह पर बीजेपी ने जीत हासिल की जबकि दो पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। यहां पर बीजेपी की लीड 81 हजार 646 है।
- कोरबा : इस सीट पर आठ विधानसभा सीटें हैं। विधानसभा चुनाव में छह सीटों पर बीजेपी तो दो सीटों पर कांग्रेस ने बढ़त हासिल की। यहां पर बीजेपी ने 61 हजार 208 वोटों की लीड हासिल की।
इन सीटों पर कांग्रेस को बढ़त...
- महासमुंद : यहां पर आठ विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से पांच पर बीजेपी और तीन पर कांग्रेस का कब्जा है। हालांकि, तीन सीटें जीतने के बाद भी कांग्रेस यहां पर बीजेपी से बढ़त में है। यहां पर कांग्रेस को बीजेपी से 9483 वोट ज्यादा मिले हैं।
- कांकेर : इस लोकसभा सीट पर आठ विधानसभा सीटें आती हैं। विधानसभा चुनाव में यहां पर कांग्रेस ने पांच सीटें जीती, जबकि बीजेपी को तीन सीटों से ही संतोष करना पड़ा। कांग्रेस को इस सीट पर 82 हजार 300 वोटों की लीड मिली।
- जांजगीर चांपा : इस लोकसभा सीट पर आठ विधानसभा सीटें हैं। यहां पर कांग्रेस ने क्लीन स्वीप करते हुए सभी 8 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर ली। यहां पर कांग्रेस की लीड 1 लाख 17 हजार 196 वोटों की रही।
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 9 और कांग्रेस ने 2 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन कांग्रेस की दो सीटें बस्तर और कोरबा में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में पिछड़ी है। अब कांग्रेस को न सिर्फ छह लाख वोट पाटने की जरुरत है बल्कि, जीत के लिए इससे कहीं ज्यादा वोट चाहिए।