रायपुर। भारतीय वन सेवा के अफसर अरुण प्रसाद पी ने सेवा से त्यागपत्र दे दिया है। 2006 बैच के अरूण प्रसाद वर्तमान में छग राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव पद पर हैं। अरुण प्रसाद पी ने अपने इस्तीफे ले पीछे व्यक्तिगत कारण का जिक्र किया है। हालांकि उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। लेकिन यह भी बताया जा रहा है कि उनके इस्तीफा स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है। राज्य शासन के बाद उनका इस्तीफा केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय को भेजा जाएगा।
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द सूत्र ने पदस्थापना पर उठाए थे सवाल
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बता दें द सूत्र ने 2 दिन पहले ही अरुण प्रसाद पी के पोस्टिंग के संबंध में खबर प्रसारित की थी। इस खबर में बताया गया था कि किस तरह से आईएएस ऑफिसर राज्य सरकार में उच्च पदों पर बैठे लोगों से सेटिंग कर डेपुटेशन की आड़ में प्रशासनिक कुर्सी हथिया लेते हैं और लंबे समय तक इस पद पर जमे रहते हैं। ऐसे में न केवल राज्य की वन सेवा प्रभावित होती है बल्कि उनकी योग्यता नहीं रहने के प्रशासनिक सेवा में भी जनता को उतना लाभ नहीं मिलता जितना मिलना चाहिए। द सूत्र ने ऐसे पांच आईएफएस अधिकारियों की पदस्थापना संबंधी खबर प्रसारित कर एक बड़ी मनमानी को उजागर किया था।
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राज्य सरकार को अपना इस्तीफा भेजा
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तमिलनाडू मूल के भारतीय वन सेवा के साल 2006 बैच के अफसर अरूण प्रसाद पी मुख्य वन संरक्षक स्तर के अफसर हैं। बताया गया कि उन्होंने राज्य सरकार को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे व्यक्तिगत कारणों का जिक्र किया है। राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव अरुण प्रसाद लंबे समय तक सीएसआईडीसी के एमडी रहे हैं। यही नहीं, वन विभाग में वो दंतेवाड़ा, और राजनांदगांव डीएफओ के पद पर काम कर चुके हैं। पिछली सरकार में वो सीएसआईडीसी के एमडी के साथ ही मंडी बोर्ड के एमडी भी थे।
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