संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल के सामने झुकी सरकार

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम कर रहे संविदा कर्मचारियों की हड़ताल आखिरकार असर दिखा गई है। समय पर वेतन, संविलियन, ग्रेड-पे निर्धारण और मेडिकल अवकाश जैसी मांगों को लेकर हुए आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।

author-image
Harrison Masih
एडिट
New Update
Effect contract health workers strike Government listened to their demands
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत काम कर रहे 16 हजार से अधिक संविदा कर्मचारियों की हड़ताल आखिरकार असर दिखा गई है। समय पर वेतन, संविलियन, ग्रेड-पे निर्धारण और मेडिकल अवकाश जैसी मांगों को लेकर हुए आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है।

राज्य स्तरीय 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जो संविदा कर्मचारियों की सभी लंबित मांगों की विस्तृत समीक्षा करेगी। आज दोपहर 12 बजे समिति की पहली बैठक राज्य कार्यालय में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में कर्मचारियों की प्रमुख मांगों पर विचार के साथ आगामी कार्ययोजना पर चर्चा होगी।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ में थमा मानसून: तापमान में 4 डिग्री की बढ़ोतरी, 6 जिलों में यलो अलर्ट

आंधी-बारिश में भी नहीं डगमगाए कर्मचारी

1 मई को राजधानी रायपुर के तुता धरना स्थल पर आंधी, तूफान और बारिश के बीच भी NHM के संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने डटकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य भवन का घेराव भी किया। उनकी प्रमुख मांगों में नियमित वेतन, ग्रेड पे निर्धारण, संविलियन और चिकित्सा अवकाश की सुविधा शामिल रही।

प्रदर्शन के बाद स्वास्थ्य सचिव और मिशन संचालक ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार होगा। अब समिति का गठन उस आश्वासन का पहला ठोस कदम माना जा रहा है।

ये खबर भी पढ़ें... IAS सौरभ कुमार की केंद्र सरकार में डायरेक्टर पद पर पोस्टिंग

मॉडल का अध्ययन करेगी समिति

गठित समिति न केवल कर्मचारियों की मांगों पर विचार करेगी, बल्कि अन्य राज्यों में लागू संविदा नीति और वेतनमान का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ के लिए प्रस्ताव भी तैयार करेगी। इसका उद्देश्य कर्मचारियों को बेहतर सेवा शर्तें और सम्मानजनक वेतनमान प्रदान करना है।

छत्तीसगढ़ में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका अहम

प्रदेश में NHM के अंतर्गत कार्यरत ये संविदा कर्मचारी शहरी स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सुदूर वनांचल क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं। ये कर्मचारी मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, पोषण, रोग नियंत्रण जैसी सेवाओं के प्रमुख वाहक हैं।

ये खबर भी पढ़ें... केंद्र सरकार का छत्तीसगढ़ हो तोहफा... 2,784 करोड़ रुपए दिए

2005 में जब देशभर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत हुई थी, तब इसका नाम राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन था। बाद में इसका दायरा बढ़ाकर इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन बना दिया गया। छत्तीसगढ़ में इस मिशन के तहत लगभग 16,000 संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनकी सेवाएं आम जनता के लिए अनिवार्य और अमूल्य हैं।

सरकार द्वारा गठित यह उच्चस्तरीय समिति संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की समस्याओं की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि इन कर्मचारियों को उनका हक और सम्मान मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक मजबूत होंगी।

ये खबर भी पढ़ें... तेंदूपत्ता संग्रहण की बढ़ी दरों के बावजूद संग्राहकों और समितियों को नुकसान

Contractual Health Workers Strike | government | demands | Raipur | chattisgarh | संविदा कर्मियों की हड़ताल | छत्तीसगढ़

demands chattisgarh मांग संविदा Contractual Health Workers Strike संविदा कर्मियों की हड़ताल government रायपुर Raipur छत्तीसगढ़