Indian Nursing Council Recognized Colleges Chattisgarh : द सूत्र एक बड़ा खुलासा करने जा रहा है। द सूत्र बताएगा कि किस तरह छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं के साथ धोखा कर रही है।
प्रदेश में 150 नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। इनमें आधे से ज्यादा कॉलेज ऐसे हैं, जिनके पास इंडियन नर्सिंग काउंसिल की मान्यता नहीं है।
प्रदेश में मशरूम की तरह उगे इन कॉलेजों को प्रदेश सरकार यानी छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल ने मान्यता दे दी है।
यही मान्यता देकर सरकार छात्रों के साथ धोखा कर रही है। भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश सरकार की मान्यता में पढ़ रहे छात्रों को सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नौकरी मिल सकेगी। यानी नर्सिंग का कोर्स कर यह छात्र प्रदेश के बाहर काम नहीं कर पाएंगे।
छत्तीसगढ़ सरकार के इस धोखे से हजारों स्टूडेंट्स के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। द सूत्र एक सीरीज शुरू कर रहा है। इसमें सिलसिलेवार तरीके इस पूरे मामले में हो रही गड़बड़ी की परतें खोली जाएंगी । इसमें वे सारे कॉलेज भी बताए जाएंगे जो बिना इंडियन नर्सिंग काउंसिल की मान्यता के खुलेआम चल रहे हैं।
किस तरह हो रहा है धोखा
छत्तीसगढ़ में नर्सिंग स्टूडेंट्स के साथ एक तरह का धोखा हो रहा है। यह धोखा इसलिए है, क्योंकि इसकी पुष्टि प्रदेश का मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट और इंडियन नर्सिंग काउंसिल ( आईएनसी ) के दस्तावेज कर रहे हैं।
साल 2024-25 के नर्सिंग कोर्स के लिए सीएमई यानी कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन ने नर्सिंग कॉलेजों की सूची जारी की है।
इस सूची में छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहे 151 नर्सिंग कॉलेज के नाम हैं, जहां पर स्टूडेंट्स को सीटें अलॉट की जा रही हैं, लेकिन इस सत्र के लिए इंडियन नर्सिंग काउंसिल यानी आईएनसी ने छत्तीसगढ़ के जिन नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी है उनकी संख्या 70 है।
यानी 81 कॉलेज ऐसे हैं, जिनके पास आईएनसी की मान्यता नहीं है। इन 81 कॉलेजों को छत्तीसगढ़ काउंसिल की मान्यता देकर चलाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के बाहर नहीं कर पाएंगे नौकरी
यह स्टूडेंट्स के साथ धोखा इसलिए है, क्योंकि भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन में ये साफ लिखा है कि जिन नर्सिंग कॉलेजों को आईएनसी की मान्यता प्राप्त नहीं है, उनमें पढ़ने वाले स्टूडेंट्स सिर्फ उसी राज्य में नौकरी कर सकते हैं, जहां की स्टेट काउंसिल ने उनको मान्यता दी है।
यानी लाखों रुपए की फीस लगाकर जो हजारों स्टूडेंट्स छत्तीसगढ़ में पढ़ाई कर रहे हैं, वे छत्तीसगढ़ से बाहर नौकरी करने योग्य नहीं हैँ क्योंकि उनके पास आईएनसी की मान्यता वाली डिग्री ही नहीं है।
ढाई हजार से ज्यादा सीटें बिना आईएनसी मान्यता के
आईएनसी के प्रदेश सरकार को भेजे एक पत्र में भी यह स्पष्ट किया गया है। राज्य में नर्सिंग की 7026 सीटें हैं, जबकि आईएनसी ने इनमें से 4460 सीटों को ही मान्यता दी है।
यानी 2566 सीटें ऐसी हैं, जिनको आईएनसी की मान्यता नहीं है। इन सीटों पर जिन स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया है, वे छत्तीसगढ़ के बाहर नर्सिंग की नौकरी करने के लिए एलीजिबिल नहीं है।
यह तो एक साल की बात है, लेकिन सूत्रों की मानें तो यह तो पिछले कई सालों से चल रहा है। यहां पर छह साल पहले जिन कॉलेजों को भवन न होने पर मान्यता नहीं दी थी, वही कॉलेज छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल की मान्यता लेकर नर्सिंग का कोर्स करा रहे हैं।
नियमानुसार छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल की मान्यता लेने के बाद छह महीने में वे सभी मापदंड पूरे करने होते हैं, जो नर्सिंग कॉलेज के लिए जरूरी हैं।
इसी आधार पर आईएनसी मान्यता देती है, लेकिन छह-छह महीने कर सालों बीत रहे हैं और यह कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
राज्य के आयुष विश्वविद्यालय ने 4 अप्रैल को एक पत्र जारी कर साफ किया था कि जिन कॉलेजों ने राज्य काउंसिल से मान्यता ली है, वे छह महीने के भीतर आईएनसी से मान्यता आवश्यक रूप से लें नहीं तो अगले सत्र से उनकी संबद्धता संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। छह महीने पूरे हो गए हैं, लेकिन स्थिति जस की तस है।
आईएनसी रद्द कर सकती है ये डिग्री
ट्रेंड नर्सिंग एसोसिएशन यानी टीएनएआई की छत्तीसगढ़ ब्रांच के पदाधिकारी राज्य सरकार से लगातार इस बारे में शिकायत कर रहे हैं।
एसोसिएशन का कहना है कि फरवरी 2024 में आईएनसी ने राज्य सरकार को पत्र भेजा था कि वे उन डिग्री को रद्द कर सकते हैं, जो उनकी मान्यता के बिना कॉलेजों ने स्टूडेंट्स को दी हैं। ऐसे में सैकड़ों स्टूडेंट्स का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।
एसोसिएशन ने संचालक,मेडिकल एजुकेशन, कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन और छत्तीसगढ़ नर्सिंग काउंसिल को भी पत्र लिखकर यह कहा है कि ऐसे कॉलेजों का संचालन रोका जाए।
या फिर हर बच्चे को ये बताया जाए कि इन कॉलेजों से प्राप्त होने वाली उनकी डिग्री की मान्यता सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही रहेगी।
इस प्रकार एफीडेविट बच्चों से लिया जाना चाहिए, ताकि उनको इस बात का पता रहे और वे तय करें कि उनको इसमें पढ़ना है कि नहीं। सरकार इस तरह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
अगली कड़ी में कुछ और सवाल
इस खबर में द सूत्र ने आपको बताया कि किस तरह स्टूडेंट्स के साथ धोखा हो रहा है। अगली कड़ी में आपको बताएंगे कि इन कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स आखिर किस मुश्किल से गुजर रहे हैं।
उनकी शिकायतों पर क्यों कॉलेज प्रबंधन या सरकार ध्यान नहीं दे रही। आने वाली कड़ियों में द सूत्र उन कॉलेजों के नाम भी बताएगा जो आईएनसी की बिना मान्यता के चल रहे हैं, ताकि आप सतर्क रहें और उन कॉलेजों में एडिमशन न लें।
द सूत्र सरकार से भी सवाल करेगा कि आखिर इन बच्चों के धोखा क्यों किया जा रहा है।