छत्तीसगढ़ में NIA की तर्ज पर SIA का गठन, आईपीएस विवेकानंद सिन्हा को नक्सल खत्म करने की कमान

एसआईए की कमान नक्सल ऑपरेशन के एडीजी रहे तेज तर्रार आईपीएस विवेकानंद सिन्हा को सौंपी गई है। एसआईए का पूरा फोकस नक्सल समस्या से छत्तीसगढ़ को मुक्त कराने पर होगा।

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Sandeep Kumar
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अरुण तिवारी @ RAIPUR.  छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआईए यानी नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ( NIA ) की तर्ज पर एसआईए यानी स्टेट इन्वेस्टीगेशन एजेंसी का गठन किया है। एसआईए ( SIA ) छत्तीसगढ़ से नक्सल को खत्म करने का काम करेगी। एसआईए की कमान नक्सल ऑपरेशन के एडीजी रहे तेज तर्रार आईपीएस विवेकानंद सिन्हा ( IPS Vivekananda Sinha ) को सौंपी गई है। एसआईए का पूरा फोकस नक्सल समस्या से छत्तीसगढ़ को मुक्त कराने पर होगा। एसआईए चीफ के साथ ही इसमें 74 अफसरों को भी तैनात किया जा रहा है। सरकार एसआईए के साथ मिलकर नक्सल से जूझ रहे आसपास के राज्यों में समन्वय के साथ स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर एसआईए ने वर्कप्लान पर काम शुरु कर दिया है। 

एसआईए की टेबल पर नक्सल फाइल्स 

एसआईए चीफ के रुप में एडीजी विवेकानंद सिन्हा की नियुक्ति के साथ ही एजेंसी ने अपना काम शुरु कर दिया है। सरकार ने नक्सल ऑपरेशन के विशेष अनुभव को देखते हुए ही सिन्हा की नियुक्ति इस पद पर की है। सिन्हा के साथ ही इस एजेंसी में 74 और अफसरों को नियुक्त किया जा रहा है। इसमें एसपी स्तर के अधिकारियों के साथ ही जवानों को लिया जा रहा है। एसआईए में सबसे बेहतरीन पुलिस जवानों को लिया जा रहा है। अभी तक नक्सल इलाके में केंद्रीय सुरक्षा बल, बीएसएफ,डीआरजी के साथ ही स्थानीय पुलिस की तैनाती की गई है। लेकिन अब इन सबको एक युनिट के तौर पर एसआईए के अंडर लाया जाएगा ताकि बेहतर समन्वय के साथ नक्सल ऑपरेशन को अंजाम दिया जा सके। विवेकानंद सिन्हा की टेबिल पर नक्सल से जुड़ी फाइल आ चुकी हैं। अब नक्सलियों के खिलाफ स्पेशल ऑपरेशन प्लान किया जा रहा है। एसआईए के साथ सरकार अंतर्राज्यीय समन्वय पर भी काम कर रही है। यह स्पेशल ऑपरेशन नक्सली समस्या से जूझ रहे अन्य राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा। इन सीमावर्ती राज्यों में महाराष्ट्र, उड़ीसा, मध्यप्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं। सरकार इन राज्यों के साथ नक्सल समस्या को लेकर समन्वय बनाएगी। एसआईए का काम बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का भी है।

एसआईए की जरुरत क्यों ?

छत्तीसगढ़ राज्य में आतंकवाद, नक्सलवाद, वामपंथी उग्रवादी जैसे विशेष मामलों, प्रकरणों में त्वरित एवं प्रभावी अनुसंधान एवं अभियोजन के लिए राज्य इनवेस्टिगेशन एजेंसी के गठन का निर्णय लिया गया। यह एजेंसी राष्ट्रीय इनवेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए के साथ समन्वय के लिए राज्य के नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी। इसके लिए एक पुलिस अधीक्षक सहित कुल 74 नवीन पदों का निर्माण किया गया है। जिस तरह से एनआईए आतंकवाद जैसे गंभीर मसलों पर काम करती है ठीक उसी तरह एसआईए अपने राज्य के अंदर ऐसे मामलों पर काम करेगी। अभी नक्सल को लेकर अलग_अलग एजेंसियां काम करती हैं जिनमें आपसी समन्वय की भी एक चुनौती होती है। अब एसआईए के गठन के बाद आपसी तालमेल कायम करने की कठिनाई समाप्त हो पाएगी। इसके अलावा सीमावर्ती राज्यों से समन्वय बैठाने और बातचीत के लिए एसआईए स्वतंत्र और फैसले लेने के लिए अधिकार संपन्न एजेंसी के रुप में काम करेगी। खासतौर पर एजेंसी चीफ जिनको बनाया गया है उनको नक्सल मामलों को डील करने में महारथ हासिल है। 

4 माह में जवानों ने 103 से नक्सली ढेर 

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के निशाने पर लगातार नक्सली आ रहे हैं। सुरक्षा बल एक के बाद एक ऑपरेशन कर नक्सलियों को ढेर कर रहे हैं। पिछल चार महीनों में जवानों ने 103 नक्सलियों को ढेर किया है। जवानों के डर कई नक्सली सरेंडर भी कर  रहे हैं। कांकेर में 29 नक्सलियों को मार गिराने के बाद हुई मुठभेड़ों में भी जवानों ने सफलता हासिल की है। इस दौरान दर्जन भर से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर भी किया है। कांकेर में 29 नक्सलियों को मार गिराया गया तो बीजापुर में भी दस नक्सली ढेर हो गए। इसके अलावा छोटी छोटी मुठभेड़ों में भी नक्सली मुंह की खाते रहे हैं। हाल ही में बीजापुर में तीस नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन सब सफलताओं को एसआईए के गठन और उसकी भूमिका से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

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