छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी जीत : 17 लाख की इनामी नक्सली कमला सोरी ने किया आत्मसमर्पण

17 लाख रुपए का इनाम घोषित नक्सली कमला सोरी ने 14 साल बाद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर लिया और अब मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। इस कदम को छत्तीसगढ़ के नक्सल उन्मूलन अभियान की बड़ी सफलता माना जा रहा है।

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Sanjay Dhiman
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naxali surrendar in Cg

Photograph: (the sootr)

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KHAIRAGARH. 

छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है। 17 लाख रुपए का इनाम घोषित हार्डकोर महिला नक्सली कमला सोरी, जो उंगी और तरूणा के नाम से भी जानी जाती है। उसने आज (6 नवंबर) पुलिस अधीक्षक के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। यह आत्मसमर्पण शासन की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति-2025 के तहत एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

कमला सोरी का आत्मसमर्पण नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास की दिशा में अहम कदम है। वह पिछले 14 सालों से छत्तीसगढ़ के सुकमा, महाराष्ट्र के गोंदिया और मध्यप्रदेश में सक्रिय थी। इन इलाकों में उसका बहुत खौफ था। अब उसके आत्मसमर्पण से इन क्षेत्रों में शांति की उम्मीद जताई जा रही है।

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कमला सोरी का नक्सल जीवन

कमला सोरी का जन्म छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के अरलमपल्ली गांव में हुआ था। वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़ी हुई एक सक्रिय नक्सली थी। 2011 में वह माड़ डिवीजन, बस्तर एमएमसी (मध्य प्रदेश–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़) जोन की सदस्य बनी और नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल हुई। कमला सोरी पर तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की पुलिस ने 17 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।

कमला सोरी नक्सलियों के खिलाफ कई हिंसक घटनाओं में शामिल रही। वह कई बार पुलिस बलों पर हमले की योजनाओं में भी सक्रिय रही। इस दौरान उसने नक्सल संगठन के भीतर प्रमुख भूमिका निभाई। एमएमसी जोन प्रभारी रामदर की टीम की सदस्य के रूप में वह कई महत्वपूर्ण नक्सली कार्रवाइयों का हिस्सा रही।

हार्डकोर नक्सली कमला सोरी के आत्मसमर्पण को ऐसे समझें

  1. कमला सोरी ने 14 साल बाद आत्मसमर्पण किया, 17 लाख की इनामी नक्सली ने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
  2. छत्तीसगढ़ सरकार ने कमला को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि दी, ताकि वह समाज में पुनः जुड़ सके।
  3. पुनर्वास नीति-2025 के तहत कमला को आवास, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
  4. कमला सोरी का आत्मसमर्पण नक्सल उन्मूलन अभियान की बड़ी सफलता है, और सुरक्षा बलों की निरंतर कोशिशों का नतीजा है।
  5. कमला का कदम अन्य नक्सलियों के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो अभी भी जंगलों में सक्रिय हैं।

आत्मसमर्पण की वजह: हथियार से हुआ मोहभंग

खैरागढ़ पुलिस अधीक्षक लक्ष्य शर्मा के सामने आत्मसमर्पण करते हुए नक्सली कमला सोरी ने इसकी वजह बताई। उन्होंने कहा, सरकार नक्सलियों के लिए अच्छी योजनाएं चला रही हैं। मेरे कई साथियों ने पहले ही आत्मसमर्पण कर दिया है, जिसके कारण मैं भी लंबे समय से इस पर विचार कर रही थी। अधिकारियों के आश्वासन के बाद उसने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। 

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पुनर्वास की राह: एक नई शुरुआत

कमला सोरी के आत्मसमर्पण के बाद, अब उसके लिए सम्मानजनक जीवन जीने का रास्ता खोला जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की नीति के तहत उसे तुरंत मदद दी जा रही है।

50 हजार की प्रोत्साहन राशि:

आत्मसमर्पण करने के बाद, कमला सोरी को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि दी गई है। यह राशि उसे समाज में फिर से जुड़ने और अपनी ज़रूरतें पूरी करने में मदद करेगी।

पुनर्वास नीति-2025:

इस नीति के तहत कमला को कई सुविधाएं दी जाएंगी। इसमें रहने के लिए घर, रोजगार के मौके, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं। इसका उद्देश्य उसे एक सामान्य नागरिक की तरह जीवन जीने का मौका देना है।

पुलिस अधीक्षक शर्मा ने इसे सरकार की नीतियों और सुरक्षा बलों की लगातार कोशिशों का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि कमला का यह साहसिक कदम बाकी नक्सलियों के लिए भी प्रेरणा बनेगा, जो अभी भी जंगलों में सक्रिय हैं। यह घटना नक्सलवाद के अंत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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