नक्सली लीडर रूपेश 200 साथियों के साथ आज करेगा आत्मसमर्पण, इस पर 1 करोड़ का इनाम

रायपुर. छत्तीसगढ़ के लिए आज काफी अहम दिन है। दण्डकारण्य क्षेत्र के लगभग 200 माओवादी आज हथियार छोड़कर मुख्यधारा में वापस लौटेंगे। इनमें उत्तर पश्चिम सब-जोनल कमांडर और सेंट्रल कमेटी मेंबर रूपेश भी शामिल है।

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Arun Tiwari
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200 naxal surrender today

Photograph: (the sootr)

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RAIPUR.छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सल उन्मूलन योजना में आज एक ऐतिहासिक दिन है। शुक्रवार को 200 से अधिक नक्सली, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के सामने आत्मसमर्पण करेंगे। इनमें उत्तर पश्चिम सब-जोनल कमांडर और सेंट्रल कमेटी मेंबर रूपेश भी शामिल है।

गृहमंत्री विजय शर्मा जगदलपुर पहुंच चुके हैं। आत्मसमर्पण समारोह आज सुबह 11:00 बजे रिजर्व पुलिस लाइन, जगदलपुर में आयोजित होगा। रूपेश का वीडियो बयान सामने आया है। इसमें उसने कहा कि हथियार छोड़े हैं, विचारधारा नहीं। रूपेश ने कहा आदिवासियों के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।

शासन की रणनीति का असर 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके को नक्सल समस्या के समाधान की दिशा में निर्णायक मोड़ बताया है। उन्होंने कहा कि बस्तर की असली ताकत वहां के लोगों की आत्मनिर्भरता, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सम्मान में निहित है। उन्हीं मूल्यों के आधार पर तैयार की गई नीति ने अब दण्डकारण्य के भीतरी इलाकों तक भी नई उम्मीद जगाई है। 

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नक्सलियों के आत्मसमर्पण और शासन की नीति को ऐसे समझें 

200 नक्सलियों का आत्मसमर्पण: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज 200 से अधिक नक्सली, सब-जोनल कमांडर रूपेश के साथ आत्मसमर्पण करेंगे।

मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की मौजूदगी: इस आत्मसमर्पण समारोह का आयोजन आज सुबह 11:00 बजे रिजर्व पुलिस लाइन, जगदलपुर में होगा। जिसमें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मौजूद रहेंगे।

रूपेश का बयान: आत्मसमर्पण से पहले रूपेश ने कहा कि उसने हथियार छोड़े हैं, लेकिन उसकी विचारधारा और आदिवासियों के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

सुरक्षा बलों और सरकार की रणनीति: छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल उन्मूलन के लिए सुरक्षा बलों के विकास योजनाओं का भी क्रियान्वयन किया है।

स्थायी शांति की दिशा में कदम: मुख्यमंत्री ने इसे बस्तर में स्थायी शांति की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। 

दोहरी रणनीति से सफलता

शासन ने सुरक्षा बलों के रणनीतिक अभियानों के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों, संचार और आजीविका पर केंद्रित विकास योजनाओं के जरिए स्थायी शांति का मार्ग तैयार किया है। इस सफलता में पुलिस, सुरक्षा बल, स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधि और जागरूक समाज की साझा भूमिका है। 

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दो महीने में तीन सौ से अधिक का आत्मसमर्पण

प्रदेश में नक्सल ऑपरेशंस और सरकार की घर वापसी योजनाओं का लगातार असर दिख रहा है। मात्र दो महीने में प्रदेश में तीन सौ से अधिक नक्सलियों ने सरकार के सामने समर्पण किया है। इस सूची में 15 अक्टूबर को 61 नक्सलियों का सरेंडर, 14 अक्टूबर को 71 नक्सलियों ने सरेंडर किया। इस कड़ी में दो अक्टूबर को 103 नक्सलियों ने सरेंडर किया। 24 सितंबर को भी दंतेवाड़ा में 50 नक्सलियों ने एक साथ सरेंडर किया।

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