कोलकाता मामले को लेकर पूरे देश के जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन लगातार जारी है। वहीं हड़ताल की वजह से ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बिगड़ने लगी है। इसका असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है। अस्पतालों के बन होने से हजारों मरीज परेशान हो रहे है। बता दें कि, प्रदेश के सरकारी समेत कई निजी अस्पतालों में सिर्फ एमरजेंसी सुविधा उपलब्ध है।
एम्स में हुआ हड़ताल
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आवाहन में छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों ने भी 24 घंटे की हड़ताल करने की घोषणा की है। इसके पहले कल यानी शुक्रवार को एम्स के डॉक्टरों ने हड़ताल किया। डॉक्टरों के हड़ताल में रहने के कारण ओपीडी प्रभावित हुई। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से बाहर से इलाज कराने पहुंचे मरीजों को परेशानी हुई। उन्हें बिना इलाज करवाए ही वापस लौटना पड़ा।
OPD सेवा बंद
इस दौरान आपातकालीन सेवाएं जारी रही जहां पर डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज किया। देशभर में हो रहे विरोध को लेकर बलरामपुर के वाड्रफनगर में भी सिविल अस्पताल में OPD सेवा बंद रही। वहीं डॉक्टर अस्पताल परिसर में पुलिस सहायता केन्द्र व सुरक्षा व्यवस्था खोलने की मांग कर रहे हैं,जिसके संबंध में डॉक्टरों ने SDM को ज्ञापन सौंप कर सूचना दी है।
इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं बंद
डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से इलाज के लिए मरीजों की लम्बी लाइनें लग रही है तो वहीं परिजन भी परेशान हो रहे हैं। मरीजों को इलाज कराने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। बता दें कि सिविल अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बन है। जिस वजह से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बताया गया कि, कोलकाता में हुई घटना के विरोध में गैर-आपातकालीन सेवाओं को बंद रखने की घोषणा गई है। वहीं जानकारी दी गई है कि, इमरजेंसी छोड़कर सभी सेवाएं 36 घंटे के लिए बंद रहेगी।
The Sootr Links
छत्तीसगढ़ की खबरों के लिए यहां क्लिक करें
मध्य प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करें
देश दुनिया की खबरों के लिए यहां क्लिक करें
रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए यहां क्लिक करें
देखें ये विडियो