पुलिस ने पश्चिम बंगाल के 12 मजदूरों को बताया बांग्लादेशी, हाईकोर्ट का सरकार को नोटिस

छत्तीसगढ़ में कोंडागांव पुलिस ने पश्चिम बंगाल के 12 मजदूरों को बांग्लादेशी कहकर गिरफ्तार किया था और बाद में भारतीय नागरिक होने के कारण छोड़ दिया था। इस मामले की याचिका पर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

author-image
Pravesh Shukla
New Update
kondagaon-labor-arrest-human-rights-violation the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

कोंडागांव। पुलिस ने पश्चिम बंगाल के 12 मजदूरों को बांग्लादेशी कहकर गिरफ्तार किया था और बाद में भारतीय नागरिक होने के कारण छोड़ दिया था। इस मामले की याचिका पर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

पढ़ें: डॉ अतिन कुंडू पर रावतपुरा सरकार से ज्यादा स्वास्थ्य विभाग का था आशीर्वाद,CBI की कार्रवाई के बाद खुलासा

कार्रवाई रद्द करने की मांग

याचिका में 12 मजदूरों के खिलाफ धारा 128 के तहत की कार्रवाई को रद्द करने और 1 लाख मुआवजे की मांग के साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य में स्वतंत्रता के साथ रोजगार करने के लिए सुरक्षा की मांग की गई थी। इस मामले में सरकार को दो सप्ताह में जवाब देना होगा, उसके बाद फिर सुनवाई होगी।

क्या है पूरा मामला

29 जून 2025 को पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर और मुर्शिदाबाद के 12 मजदूर ठेकेदार के जरिए  स्कूल निर्माण के लिए बस्तर के कोंडागांव गए थे। 12 जुलाई को कोंडागांव पुलिस स्कूल निर्माण साइट से सुपरवाइजर के साथ मजदूरों को उठाकर ले गई।

पुलिस पर मारपीट का आरोप

आरोप है कि साइबर सेल थाने में इन सभी मजदूरों के साथ मारपीट के साथ ही गाली गलौज और बदसलूकी की गई।  मजदूरों का आरोप है कि आधार कार्ड दिखाने के बाद भी उन्हें लगातार बांग्लादेशी हो करके संबोधित किया गया।

पढ़ें: अब लोगों को मिलेगी फ्री बिजली... शुरू हो गया सोलर पैनल का काम

मजदूरों को भेजा गया जेल

शाम 6 बजे इन सभी को कोंडागांव पुलिस कोतवाली ले जाया गया और वहां से रात के समय गाड़ी में भर कर 12 और 13 जुलाई की दरमियानी रात जगदलपुर सेंट्रल जेल दाखिल कर दिया गया।

परिजन ने किया सांसद से संपर्क

13 जुलाई के रोज मामला सामने आने के बाद  पश्चिम बंगाल में मजदूरों के रिश्तेदारों ने सांसद महुआ मित्रा से संपर्क किया और पश्चिम बंगाल पुलिस ने इन सभी के भारतीय नागरिक होने की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस आधार पर अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और रजनी सोरेन ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका हाइकोर्ट में दायर की।

 पढ़ें: CG Job News: सरकारी कॉलेजों में नौकरी का मौका,कई पदों पर निकली संविदा भर्ती

14 जुलाई को रिहा हुए मजदूर

याचिका सुनवाई से पहले कोंडागांव SDM के आदेश से 14 जुलाई को मजदूरों को रिहा कर दिया गया। हालांकि सभी को पुलिस ने धमकाया और छत्तीसगढ़ छोड़ने को मजबूर कर दिया गया। जिस वजह से सभी मजदूर अपनी रोजी रोटी गंवा कर पश्चिम बंगाल लौट गए।

सभी को रोजी-रोटी का अधिकार: हाईकोर्ट

हाइकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि वे सभी भारतीय नागरिक है और पूरे देश में कहीं भी रोजी रोटी कमाने का उन्हें संवैधानिक अधिकार है। वे करीब 12 दिन से कोंडागांव स्कूल में काम कर रहे थे और उन्होंने ना अपनी पहचान छुपाई और ना ही कोई अपराध किया फिर भी उन्हें प्रताड़ित किया गया।

दो हफ्ते में देना है जवाब

राज्य शासन इस याचिका का जवाब दो हफ्ते में देगी और एक हफ्ते में याचिका करता इसका प्रतिउत्तर देंगे। जिसके बाद हाइकोर्ट में आगे सुनवाई होगी। आज याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और रजनी सोरेन ने बहस की। 

पढ़ें:  केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को वृंदा करात ने लिखा पत्र, कोल परियोजना पर रोक की मांग

मजदूरों ने लगाई याचिका

7 अगस्त 2025 को पश्चिम बंगाल के कृष्णा नगर और मुर्शिदाबाद क्षेत्र के रहने वाले महबूब शेख और 11 अन्य लोगों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका लगाकर उनके खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 128 के तहत की गई कार्रवाई को रद्द करने की मांग की है।

पांच प्वॉइंट में समझें पूरी खबर

  1. ग़लत गिरफ्तारी और उत्पीड़न: कोंडागांव (छत्तीसगढ़) में स्कूल निर्माण कार्य में लगे पश्चिम बंगाल के 12 मजदूरों को पुलिस ने बांग्लादेशी कहकर गिरफ्तार किया, जबकि वे भारतीय नागरिक थे।

  2. मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप: मजदूरों का आरोप है कि पुलिस ने हिरासत में उनके साथ मारपीट, गाली-गलौज और बदसलूकी की, और आधार कार्ड दिखाने के बावजूद उन्हें बांग्लादेशी कहा गया।

  3. जेल भेजा गया, फिर छोड़ा गया: 12-13 जुलाई की रात को मजदूरों को जगदलपुर जेल भेजा गया। बाद में 14 जुलाई को कोंडागांव SDM के आदेश से रिहा किया गया, लेकिन पुलिस ने उन्हें राज्य छोड़ने को मजबूर किया।

  4. हाईकोर्ट में याचिका दायर: मजदूरों ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें कार्रवाई रद्द करने, ₹1 लाख मुआवजा प्रति व्यक्ति देने और राज्य में रोजगार के लिए सुरक्षा की मांग की गई।

  5. राज्य सरकार को नोटिस: हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है और कहा है कि सभी नागरिकों को देश में कहीं भी काम करने का संवैधानिक अधिकार है।

मुआवजे की मांग

याचिका में पुलिस हिरासत में उनके साथ की गई मारपीट दुर्व्यवहार आदि के बदले में एक लाख रुपए प्रति व्यक्ति मुआवजा देने की भी मांग की गई है। इसके साथ ही मांग की गई है कि छत्तीसगढ़ राज्य में अगर वह रोजगार के लिए मजदूर के रूप में आते हैं तो उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।

FAQ

सवाल 1. कोंडागांव में मजदूरों को क्यों गिरफ्तार किया गया था?
कोंडागांव पुलिस ने पश्चिम बंगाल के मजदूरों को गलत तरीके से बांग्लादेशी (Bangladeshi) नागरिक मानते हुए गिरफ्तार किया, जबकि उनके पास आधार कार्ड और अन्य भारतीय दस्तावेज मौजूद थे।
2. मजदूरों की रिहाई कैसे हुई?
सांसद और पश्चिम बंगाल पुलिस (West Bengal Police) के हस्तक्षेप के बाद कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई। इसके बाद कोंडागांव एसडीएम (SDM) के आदेश पर 14 जुलाई को मजदूरों को रिहा किया गया।
3. याचिका में क्या मांग की गई है?
याचिका में धारा 128 (Section 128) के तहत की गई कार्रवाई को रद्द करने, ₹1 लाख मुआवजा देने और भविष्य में सुरक्षित रोजगार (Safe Employment) का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की गई है।

thesootr links

 सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

कोंडागांव में मजदूरों की गिरफ्तारी | हाईकोर्ट का नोटिस | सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब | छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट आदेश | अवैध बांग्लादेशी | अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ | Kondagaon Labor Arrest | High Court notice | labor | Bangladeshi infiltration Chhattisgarh | Chhattisgarh Police | Chhattisgarh Police action 

Chhattisgarh Police action Chhattisgarh Police Bangladeshi infiltration Chhattisgarh labor High Court notice Kondagaon Labor Arrest अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ अवैध बांग्लादेशी छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट आदेश छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट हाईकोर्ट सरकार को नोटिस जारी कर मांगा जवाब सरकार को नोटिस हाईकोर्ट का नोटिस कोंडागांव में मजदूरों की गिरफ्तारी
Advertisment