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हड्डी रोग विशेषज्ञ और रायपुर मेडिकल कॉलेज में पदस्थ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अतिन कुंडूू को स्वास्थ्य विभाग का जितना आशीर्वाद प्राप्त है उतना तो श्री रावतपुरा सरकार का भी नहीं....इसीलिए तो डॉ अतिन कुंडू सरकारी सेवा में रहने के बावजूद निजी संस्था श्री रावतपुरा सरकार इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में मेडिकल डायरेक्टर के पद पर 2023 से नौकरी कर रहे थे।
जबकि रायपुर मेडिकल कॉलेज से लेकर शासन तक को इस बात की जानकारी थी। कुछ महीने पहले इस संबंध में शासन को एक शिकायत भी हुई थी। मान्यता को लेकर अगर CBI की कार्रवाई नहीं होती तो यह नौकरी ऐसे ही चलती रहती और डॉ. कुंडू दोनों जगह से साढ़े 5 लाख रुपए महीने कमाते रहते।
दो नौकरी करने का खेल पुराना
दरअसल, डॉ अतिन कुंडू को दो जगह नौकरी करने की पुरानी आदत थी। साल 2017 में जब डॉ अतिन कुंडूू को रायपुर मेडिकल कॉलेज से ट्रांसफर कर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया। तो ये नई जगह जॉइन करने की बजाय शासन को बिना जानकारी दिए, साल 2022 तक गायब हो गए। इस दौरान इन्होंने निजी मेडिकल कॉलेज रिम्स यानी रायपुर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन कर लिया। शासन की तरफ से जारी पत्रों का जवाब तक नहीं दिया।
उसके बावजूद शासन इनका इंतजार करती रही। जबकि नियमानुसार 3 साल तक ज्वाइनिंग नहीं लेने वालों की सेवा खुद समाप्त हो जाती है। अगस्त 2022 को स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की कमी का हवाला देते हुए डॉ. कुंडू को न केवल अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में ज्वाइन कराया। बल्कि, 2 महीने बाद इन्हें वापस ट्रांसफर कर रायपुर भेज दिया।
डीन की आपत्ति को भी शासन ने कर दिया दरकिनार
साल 2017 से गायब रहने के कारण अंबिकापुर के तत्कालीन डीन डॉ रमणेश मूर्ति ने इनकी जॉइनिंग का विरोध किया था। इस संबंध में उन्होंने शासन को पत्र भी लिखा था। लेकिन, डीन की आपत्ति को दरकिनार करते हुए मंत्रालय में बैठे हुए अधिकारियों ने इन्हें ज्वाइन कर दिया।
रायपुर आते ही श्री रावतपुरा पहुंच गए डॉ. कुंडू
सितंबर 2022 को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज से रायपुर मेडिकल कॉलेज आने के बाद डॉ अतिन कुंडू ने फिर से दो जगह नौकरी करने का खेल शुरू कर दिया। इस बार डॉ अतिन कुंडू, सुबह की शिफ्ट में रायपुर मेडिकल कॉलेज में सेवा देते और सेकंड हाफ में श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में मेडिकल डायरेक्टर बन व्यवस्था संभालते। ऐसा कर डॉ अतिन कुंडू महीना साढ़े 5 लाख रुपए की सैलरी उठा रहे थे। लेकिन जानकारी होने के बावजूद भी शासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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CBI के FIR में नाम, फिर भी कार्रवाई नहीं
डॉ अतिन कुंडू को शासन का इतना वरदहस्त मिला हुआ है कि CBI के FIR में डॉ कुंडू का नाम आने के बावजूद भी शासन ने इन्हें निलंबित करना तो दूर, कारण बताओ नोटिस तक जारी नहीं किया।
कमेटी की जांच में दोषी थे
शिकायत के आधार पर शासन ने दिसंबर 2023 को मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्य कमेटी बनाई थी। कमेटी ने जांच में यह पाया कि 4 साल 11 महीना में डॉ अतिन कुंडू रायपुर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर नौकरी कर रहे थे इस दौरान ढ़ाई लाख रुपए महीने की सैलरी भी ली। कमेटी द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब मे इन्होंने बताया कि पारिवारिक समस्या के कारण यह अंबिकापुर नहीं जा सके। डॉ कुंडू के इस जवाब से कमेटी और शासन दोनों संतुष्ट हो गए।
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