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Korba coal dust controversy:छत्तीसगढ़ के कोल माइनिंग क्षेत्र कोरबा में बढ़ते प्रदूषण, अपराध और कोयला परिवहन को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने SECL और NTPC सहित राज्य शासन को जमकर फटकार लगाई और सख्त दिशा-निर्देश जारी किए। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा कि कंपनियां केवल उत्पादन कर जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकतीं। यदि ट्रांसपोर्टिंग का ठेका दिया गया है, तब भी जवाबदेही से बचा नहीं जा सकता।
हत्या से उठी कोल ट्रांसपोर्टिंग की आग
पूरा मामला फरवरी 2024 की एक हत्या से शुरू होता है। कोरबा जिले के बुड़बुड़ SECL खदान में कोल ट्रांसपोर्ट को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हुआ। इस दौरान कोयला कारोबारी रोहित जायसवाल की हत्या धारदार हथियारों से कर दी गई। इस मामले में बीजेपी नेता समेत 20–25 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई।
हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य शासन, SECL और NTPC को जवाबदेह ठहराया और पूछा कि माइनिंग एरिया में नियंत्रण का दावा करते हुए भी हत्या कैसे हुई?
प्रदूषण और हादसों से त्रस्त जनता, कोर्ट ने जताई चिंता
कोरबा के छुरीकला और दीपका क्षेत्रों में फ्लाई ऐश और कोल डस्ट के कारण लोग सांस की बीमारियों से जूझ रहे हैं। सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं और भारी वाहनों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कोयला ढोने वाले ट्रक बिना ढके चलते हैं जिससे धूल उड़कर पूरे इलाके को प्रदूषित कर रही है।
चीफ जस्टिस रमेशकुमार सिन्हा ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा "शराब बेचने वाला कहे कि हमने सिर्फ बेचा है, पिया किसने ये उसकी जिम्मेदारी है – ये तर्क न्यायसंगत नहीं हो सकता। यही हाल SECL का है।"
कोर्ट के सख्त निर्देश
अब कोई भी ट्रक बिना कवर के कोयला नहीं ढो सकेगा। हाईवे पेट्रोलिंग स्टाफ को ट्रकों की फोटो सहित जांच करने का आदेश। यदि कोई ट्रक खुले में कोल ढोता मिला, तो उसका परमिट व रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा। SECL और NTPC को नया शपथ पत्र प्रस्तुत करने को कहा गया।
कोर्ट ने कहा – यदि कंपनियों का रवैया नहीं बदला, तो कोल ट्रांसपोर्टिंग ही बंद करा दी जाएगी।
ढाबा और शराब दुकान पर भी नाराजगी
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में बताया गया कि सरगांव (मुंगेली) में नेशनल हाईवे के पास शराब दुकान और ढाबे चल रहे हैं। कोर्ट ने शराब दुकान विस्थापित करने और ढाबा संचालकों को नोटिस जारी करने को कहा। हालांकि शासन ने बताया कि बारिश के चलते कार्यवाही में विलंब हुआ है।
कोरबा कोल डस्ट विवाद | हाईकोर्ट ने SECL से मांगा जवाब
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कोर्ट की दो टूक- विकास जरूरी,लेकिन जनजीवन की कीमत पर नहीं
डिवीजन बेंच ने कहा – "आप कोल उत्पादन करिए, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लोगों की जान जोखिम में डालिए। सड़कें धंसी हुई हैं, बारिश में कीचड़ फैला है, दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोगों को अस्थमा हो रहा है। ये लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
हाईकोर्ट का यह सख्त रुख छत्तीसगढ़ के कोल परिवहन और पर्यावरणीय लापरवाही पर गहरी चोट है। आने वाले दिनों में SECL और NTPC को सुधारात्मक कदम उठाने होंगे, अन्यथा अदालत सीधे हस्तक्षेप कर सकती है। यह फैसला प्रदूषण, लापरवाही और राजनीतिक संरक्षण की आड़ में चल रहे माइनिंग क्षेत्र की हकीकत को सामने लाता है।
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