रायपुर. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां कोरबा के मेयर राजकिशोर प्रसाद का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है।
कांग्रेस नेता राजकिशोर ने पिछड़ा वर्ग के जिस जाती प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ा और जीता था, उसे निरस्त कर दिया गया है। प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को बीजेपी पार्षद रितु चौरसिया ने कोर्ट में चुनौती दी थी।
बिहार में ओबीसी होने का बनाया था आधार
ज्ञात हो कि महापौर राजकिशोर प्रसाद ने बिहार में अपनी जाति को पिछड़ा वर्ग की पात्रता बताकर कोरबा में OBC का जाति प्रमाण पत्र हासिल कर लिया था।
इसी प्रमाण पत्र के आधार पर उन्होंने नगर निगम में पार्षद का चुनाव लड़ा। चुनाव जीतने के बाद वह महापौर बनने में भी सफल हो गए। इस मामले में बीजेपी की पार्षद रितु चौरसिया ने महापौर प्रसाद के खिलाफ केस दायर किया था।
इसके बाद मामले की जांच की गई। जांच में उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया।
चुनाव में मिली करारी हार का लिया बदला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2019 में नगरीय निकाय चुनाव के बाद बीजेपी के पार्षदों की संख्या कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा थी। इसके बावजूद महापौर पद पर लिए चुनाव के समय भीतरघात, गुटबाजी और क्रॉस वोटिंग की वजह से कांग्रेस के पार्षद राज किशोर प्रसाद मेयर निर्वाचित हो गए।
चुनाव में मिली करारी हार के बाद महापौर पद की उम्मीदवार रितु चौरसिया ने जिला कोर्ट में केस दायर करते हुए महापौर राजकिशोर के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी थी।