मंत्री का भाई निर्विरोध जीता, कांग्रेस उम्मीदवार ने फॉर्म वापस ले लिया
कोरबा में कांग्रेस ने से हरीश कुमार को टिकट दी थी। यहां से केवल दो प्रत्याशी ही मैदान में थे। मगर ऐनवक्त पर कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नामांकन फॉर्म वापस ले लिया।
Korba MLA minister Lakhan Dewangan Bhai won unopposed : छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव चल रहे हैं। नामांकन फॉर्म जांच के दौरान चार निकायों में बीजेपी का खाता खुल गया है। इन चारों स्थानों पर BJP के एक-एक प्रत्याशी बिना लड़े ही चुनाव जीत गए हैं। इनमें कोरबा विधायक और मंत्री लखन देवांगन के भाई नरेंद्र देवांगन भी शामिल हैं। इनके खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन फॉर्म ही वापस ले लिया।
कटघोरा में भी कांग्रेस उम्मीदवार ने फॉर्म वापस लिया
जानकारी के अनुसार नरेंद्र इससे पहले भी पार्षद थे। उन्होंने कोरबा के वार्ड नंबर 18 से नामांकन भरा था। कांग्रेस ने यहां से हरीश कुमार को टिकट दी थी। यहां से केवल दो प्रत्याशी ही मैदान में थे। मगर ऐनवक्त पर कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नामांकन फॉर्म वापस ले लिया। इस तरह नरेंद्र देवांगन निर्विरोध चुनाव जीत गए।
उधर, कोरबा जिले की ही नगर पालिका परिषद कटघोरा के वार्ड 13 जुराली में बीजेपी उम्मीदवार शिवमति पटेल के अलावा किसी ने नामांकन नहीं भरा। यहां से कांग्रेस ने सीतादेवी पटेल को प्रत्याशी बनाया था। उल्लेखनीय है कि जुराली का इलाका पटेल जाति बाहुल्य है। पटेल समाज की बैठक हुई और इसमें तय किया गया कि BJP प्रत्याशी शिवमति पटेल को पार्षद बनने का मौका दिया जाए।
छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी के कितने प्रत्याशियों ने बिना लड़े जीत हासिल की ?
छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी के चार प्रत्याशियों ने बिना लड़े ही जीत हासिल की है। इनमें कोरबा विधायक और मंत्री लखन देवांगन के भाई नरेंद्र देवांगन भी शामिल हैं।
नरेंद्र देवांगन ने किस वार्ड से नामांकन भरा था और कांग्रेस उम्मीदवार ने क्यों अपना फॉर्म वापस लिया ?
नरेंद्र देवांगन ने कोरबा के वार्ड नंबर 18 से नामांकन भरा था। कांग्रेस ने यहां से हरीश कुमार को टिकट दिया था, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार ने आखिरी वक्त पर अपना नामांकन फॉर्म वापस ले लिया, जिससे नरेंद्र देवांगन निर्विरोध चुनाव जीत गए।
कटघोरा के वार्ड 13 में बीजेपी की जीत का कारण क्या था ?
कटघोरा के वार्ड 13 जुराली में बीजेपी उम्मीदवार शिवमति पटेल के अलावा किसी ने नामांकन नहीं भरा। यहां से कांग्रेस ने सीतादेवी पटेल को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन पटेल जाति के समाज की बैठक में यह तय किया गया कि बीजेपी प्रत्याशी शिवमति पटेल को पार्षद बनने का मौका दिया जाए, जिससे बीजेपी की जीत सुनिश्चित हो गई।