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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में अब ग्रामीण महिलाओं के लखपति दीदी बनने का सपना साकार हो रहा है। ऐसी ही एक कहानी पुष्पा यादव की है। पुष्पा कभी स्कूटी नहीं चला पाती थी और आज ड्रोन उड़ा रही है। इसी ड्रोन उड़ाने की कला ने उसे लखपति दीदी बना दिया।
लखपति बनने की कहानी, पुष्पा की जुबानी
पुष्पा ने द सूत्र से बात करते हुए कहा कि एक समय था जब मेरे लिए स्कूटी चलाना भी संभव नहीं था, घर के कामकाज तक ही सीमित थी, लेकिन मुझे ड्रोन चलाने के लिए चयन किया गया। यकीनन मेरे के लिए एक बड़ा अवसर था, मैने यह कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कोई काम कर पाउंगी, लेकिन ट्रेनिग के बाद अब मैं ड्रोन चलाने के लिए ट्रेंड हो गई हूं।
ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव
पुष्पा कहती है कि गांवों के खेतों में फसलों के ऊपर ड्रोन चलाकर कीटनाशक का छिड़काव कर रही हूं। अप्रैल में 20 दिनों का ड्रोन पायलेट का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद यह काम शुरू किया है। वह कहती है कि प्रति एकड़ कीटनाशक के छिड़काव करने पर उन्हें 300 रूपए की आय होती है। डेढ़ माह में ही वह 26 हजार रूपए की कमाई कर चुकी है। वे कहती है कि केंद्र सरकार की योजना एनआरएलएम बिहान की सदस्य हूं। साथ ही महिला किसान भी हूं। खेती-बाड़ी कार्य कर अपना जीवन यापन कर रही हूं। बिहान योजना इफ्को के सहयोग से ड्रोन पायलेट का सफल प्रशिक्षण के बाद ग्रामीण किसानों को सेवा प्रदाता के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हूं।
साल में डेढ़ लाख की कमाई
वे कहती है कि स्वयं की खेती, पशुपालन, नरेगा मैट, ड्रोन पायलेट का कार्य कर सालभर में 1 लाख 50 हजार रूपए से अधिक कमा रही हूं। पुष्पा कहती है कि यह योजना ग्रामीण महिलाओं के लिए कारगर है और मेरे जैसी कई गरीब महिलाओं के लखपति दीदी बनने का सपना भी साकार हो रहा है।
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