बिलासपुर में ले-आउट और नक्शा-घोटाला,10 सालों में फर्जी आर्किटेक्ट के नाम से पास हुए 400 नक्शे

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से नक्शा और ले-आउट पास करने का बड़ा घोटाला सामने आया है।

author-image
Kanak Durga Jha
New Update
Layout map scam Bilaspur 400 maps passed fake architect 10 years
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में नक्शा और ले-आउट घोटाला मामला सामने आया है। नगर निगम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TCP) के कुछ अधिकारियों पर आरोप है कि फर्जी आर्किटेक्ट के नाम से 400 से ज्यादा नक्शा, 150 से ज्यादा ले-आउट पास करवा दिया।

विभागीय जांच में आरोपी अधिकारियों के खिलाफ गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। जिसके बाद विभाग जल्द ही कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। निगम के आला अधिकारियों ने दफ्तर में बैठकर फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपी एक या दाे नहीं, बल्कि 10 सालों से भी ज्यादा समय इस फर्जी काम को अंजाम दे रहे थे।

जिस आर्किटेक्ट के नाम से घोटाला उसका अस्तित्व नहीं

नगर निगम के मुताबिक, आरोपी अफसरों ने आर्किटेक्ट विकास सिंह के नाम से इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। इंजीनियर विकास सिंह बिलासपुर निगम से लाइसेंस क्रमांक 234 के माध्यम से पंजीकृत है।

विकास सिंह के लाइसेंस नंबर पर ये (7415380854) मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है, जो मयूर गेमनानी नाम के व्यक्ति है। निगम के अधिकारियों ने जब जांच का दायरा बढ़ाया, तो पता चला कि आर्किटेक्ट विकास सिंह के नाम पर नक्शा पास कराने का काम नगर निगम में 10 जुलाई 2015 से शुरू हुआ, जो जून 2025 तक जारी है।


इस तरह सामने आया घोटाला

13 मई 2025 को पुराना बस स्टैंड स्थित महुआ होटल में नगर निगम ने अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया। यह कार्रवाई नक्शे के विपरीत किए गए निर्माण को हटाने के लिए की गई। निगम के अधिकारियों ने बताया कि, होटल का नक्शा रामचंद्र लालचंदानी, दौलतराम चौधरी और महक आहूजा के नाम पर पास हुआ था।

तीनों ने भवन अनुज्ञा की शर्तों का उल्लंघन किया। ओपन स्पेस और पार्किंग के लिए निर्धारित जगह पर अवैध निर्माण कर दिया। इस प्रोजेक्ट को सुपरविजन करने का शपथ पत्र आर्किटेक्ट विकास सिंह ने दिया था। निगम ने कार्रवाई के बाद जांच की और 24 जुलाई 2025 को विकास सिंह का लाइसेंस ब्लैक लिस्ट कर दिया।

  • फर्जी आर्किटेक्ट का नाम: 10 साल से "विकास सिंह" नाम के फर्जी आर्किटेक्ट के नाम पर हो रहा था नक्शा पास।

  • 400+ नक्शे पास: बिलासपुर नगर निगम और TCP ने 400 से ज्यादा नक्शे और 150 से ज्यादा ले-आउट बिना वैधता पास किए।

  • मोबाइल नंबर से हुआ खुलासा: लाइसेंस पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर किसी मयूर गेमनानी का निकला, जिससे गड़बड़ी उजागर हुई।

  • होटल कार्रवाई से शुरू हुई जांच: महुआ होटल पर कार्रवाई के बाद जांच में विकास सिंह का नाम सामने आया, जिससे जांच का दायरा बढ़ा।

  • जांच में पुष्टि: एसोसिएशन ने लिखा कि ऐसा कोई व्यक्ति आर्किटेक्ट नहीं है, जिसके बाद निगम ने ब्लैकलिस्ट किया।

 

जांच का दायरा बढ़ाया, तब फर्जीवाड़ा सामने आया

आर्किटेक्ट के ब्लैक लिस्ट लाइसेंस की जानकारी एसोसिएशन को हुई, तो उन्होंने विकास सिंह नाम का व्यक्ति ना होने की बात कही और निगम में लिखित जानकारी दी। एसोसिएशन से मिली जानकारी के आधार पर बिलासपुर नगर निगम के अधिकारियों ने जांच की, ताे पूरे फर्जीवाड़े की पोल खुल गई।

FAQ

यह नक्शा-लेआउट घोटाला कब और कैसे उजागर हुआ?
13 मई 2025 को महुआ होटल पर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के बाद निगम को शंका हुई और जांच शुरू हुई।
विकास सिंह कौन है और उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
विकास सिंह नाम के आर्किटेक्ट का कोई अस्तित्व ही नहीं है; उसके नाम पर फर्जी दस्तावेजों से नक्शे पास हुए और उसका लाइसेंस 24 जुलाई को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया।
कितना बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है?
करीब 400 नक्शे और 150 से ज्यादा लेआउट बिना वास्तविक आर्किटेक्ट के अनुमोदन के पास किए गए हैं।
इस फर्जीवाड़े में कौन-कौन अधिकारी शामिल हैं?
नगर निगम और TCP के कुछ अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप हैं; विभागीय जांच में इनकी संलिप्तता की पुष्टि हो चुकी है।

बिलासपुर में ले-आउट और नक्शा-घोटाला | न्यायधानी बिलासपुर में फर्जीवाड़ा | bilaspur news | Bilaspur News | bilaspur news in hindi 

Bilaspur Fraud Case

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

Bilaspur News Bilaspur Fraud Case bilaspur news बिलासपुर में ले-आउट और नक्शा-घोटाला न्यायधानी बिलासपुर में फर्जीवाड़ा