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रायपुर. बीजेपी नेताओं ने अपने चुनावी भाषण में जिस शराब घोटाले का बार बार जिक्र कर सत्ता में आई, अब वही सरकार इसमें शामिल डिस्टलरी कंपनियों के साथ कारोबार कर रही है। विष्णु सरकार ने पिछले एक साल में इनके साथ कारोबार कर 9 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई की है।
ये वही डिस्टलरी कंपनियां हैं जिन पर भूपेश सरकार में 1200 करोड़ रुपए की अवैध कमाई का आरोप लगा है। कोर्ट के कहने पर ईडी ने इन कंपनियों को आरोपी भी बना लिया है। एक तरफ ईडी शराब घोटाले की जांच करती रही तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ सरकार इनके साथ कारोबार कर कमाई करती रही।
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शराब के कारोबार में सब यार
जहां चार यार मिल जाएं, वहीं बात हो गुलजार। छत्तीसगढ़ में भी चार यार मिल गए हैं। तीन वो डिस्टलरी कंपनियां जिनका नाम शराब घोटाले के सिंडीकेट में आया और चौथा यार छत्तीसगढ़ सरकार। सरकार शराब घोटाले के तीर भूपेश सरकार पर चुनाव से लेकर अब तक चला रही है। उसी शराब घोटाले में आरोपी बनी शराब कंपनियों के साथ सरकार कारोबार कर कमाई कर रही है। विष्णु सरकार ने साल 2024 में 10 शराब कंपनियों को शराब निर्माण,बॉटलिंग और सप्लाई के लिए लाइसेंस जारी किया उनमें शराब घोटाले की आरोपी कंपनियां भी शामिल हैं।
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इनके साथ मिलकर सरकार ने 9 हजार 800 करोड़ की कमाई की। कोर्ट के ऑर्डर के बाद ईडी ने वेलकम डिस्टलरीज, भाटिया वाइन मर्चेंट और छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज समेत आठ कंपनियों को आरोपी बनाया है। इस घोटाले में आरोपी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा,आईएएस अनिल टुटेजा,कारोबारी अनवर ढेबर,अधिकारी एपी त्रिपाठी समेत अन्य नेता और अधिकारी पहले से ही जेल में बंद हैं।
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इन कंपनियों को जारी हुआ ये लाइसेंस
छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज - स्प्रिट निर्माण, विदेशी मदिरा निर्माण और भराई के लिए लाइसेंस
वेलकम डिस्टलरीज - स्प्रिट निर्माण, विदेशी मदिरा निर्माण और भराई के लिए लाइसेंस
भाटिया वाइन मर्चेंट - स्प्रिट निर्माण, विदेशी मदिरा निर्माण और भराई के लिए लाइसेंस
जो पहले भूपेश के साथ अब वही विष्णु के साथ
जो शराब कंपनियां पहले भूपेश सरकार के समय शराब बनाने और सप्लाई का काम करती थीं वही अब बीजेपी सरकार में भी वही काम कर रही हैं। शराब घोटाले की आरोपी ये डिस्टलरीज कंपनियां साल 2025-26 के शराब सप्लाई के लिए निकाले गए टेंडर में भी शामिल हैं। ये टेंडर रेट ऑफर यानी लैंडिंग प्राइज के लिए निकाला गया है।
इसमें भाटिया मर्चेंट ने जिन,रम,वोदका और व्हिस्की की सप्लाई के लिए अपना रेट प्राइज दिया है। छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज ने जिन,वोदका और व्हिस्की का रेट प्राइज दिया है। वहीं वेलकम डिस्टलरीज ने व्हिस्की की सप्लाई के लिए रेट प्राइज दिया है। इस टेंडर में 68 शराब कंपनियों ने भाग लिया है।
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छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के समय 2200 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ। इस घोटाले में ईडी की इंट्री हुई तो पूरी सियासत में भूचाल आ गया। एक के बाद एक बड़े चेहरे जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए। ईडी की जांच में आया कि एक सिंडीकेट बनाकर शराब घोटाले को अंजाम दिया गया। इस सिंडीकेट में नेता,अफसर और शराब कारोबारी शामिल थे। पूरा घोटाला करीब 2200 करोड़ का था जिसमें से शराब कारोबारियों ने 1200 करोड़ रुपए कमाए।
ईडी की जांच में यह तथ्य आने के बाद भी शराब कारोबारियों को आरोपी नहीं बनाया गया। जबकि नेता,मंत्री और अफसरों को जेल में डाल दिया गया। इस पर ट्रायल कोर्ट ने भी आपत्ति जताई और डिस्टलरी संचालकों को आरोपी बनाने के निर्देश दिए।
इसके बाद ईडी ने उन शराब कारोबारियों को भी आरोपी बना लिया जिनका नाम जांच में सामने आया है और जिन्होंने शराब करोबार में अवैध कमाई की है। चार्जशीट में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ डिस्टलरी को 48 फीसदी, भाटिया वाइन मर्चेंट को 28 फीसदी और वेलकम डिस्टलरी को 24 फीसदी दुकानों में शराब की सप्लाई का काम दिया गया था।
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