छत्तीसगढ़ में कल यानी सोमवार 26 अगस्त के दिन सभी शराब और मांसाहार की दुकानें बंद रहेंगी। इसे लेकर प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया है। मांस की बिक्री और मांसाहार की दुकानों को भी बंद रखना होगा। इस दौरान शराब बिक्री करने या मांस मदिरा बेचे जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं बेचने वाले दुकानदार को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
इस वजह से जारी हुआ आदेश
दरअसल, सोमवार 26 अगस्त के दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का दिन है। इसे लेकर रायपुर में धूम धाम से तैयारियां की जा रही है। इसकी वजह से कल सभी शराब और मांसाहार की दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। प्रदेश में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारियां धूमधाम से जारी है। शहर के मंदिरों में विशेष तौर पर झांकी की तैयारी हो रही है। मंदिरों में विशेष तरह आकर्षक श्रृंगार किए जा रहे है।
छत्तीसगढ़ के 5 सबसे बड़े कृष्ण मंदिर
रायपुर इस्कॉन मंदिर: राजधानी रायपुर के टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के लिए इस्कॉन मंदिर में विशाल पंडाल बनाया जाता है। राधा कृष्ण के लिए पोशाक एवं आभूषण वृंदावन एवं मुंबई से मंगाए जाते हैं। हर साल रायपुर इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी के दिन सिर्फ छत्तीसगढ़ी ही नहीं बल्कि विदेश से पर्यटक भी कृष्ण भगवान के दर्शन लिए यहां पहुंचते हैं।
रायपुर के समता कॉलोनी का श्याम मंदिर : राजधानी रायपुर के समता कॉलोनी में स्थित श्याम मंदिर प्रसिद्ध है। यहां कृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इसके साथ ही झांकी भी निकाली जाती है। जन्माष्टमी के दिन मंदिर को फूलों से सजाया जाता है और भगवान को छप्पन भोग लगाया जाता है।
रायपुर राधा कृष्ण मंदिर : रायपुर के समता कॉलोनी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में हर साल जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। समता कॉलोनी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में साज सजावट के लिए विशेष तौर से कोलकाता के कारीगरों को बुलाया जाता है। रायपुर के कृष्ण मंदिरों में सबसे बड़े मंदिर में से एक है समता कॉलोनी का राधा कृष्ण मंदिर। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यहां सुबह से ही आम भक्तों का तांता रहता है।
भिलाई अक्षयपात्र मंदिर : छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित अक्षयपात्र मंदिर छत्तीसगढ़ में कृष्ण भगवान के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। हर साल यहां कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। अक्षयपात्र मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को 108 प्रकार के पकवान का भोग भी लगाया जाता है। हर साल अक्षयपात्र मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाते हैं।
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