Liquor scam: ED दफ्तर के बाहर देर रात तक रिटायर्ड IAS अनिल टूटेजा के शुभ चिंतक पहरा दे रहे

उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ और उच्चतम न्यायालय से रिटायर्ड IAS अनिल टूटेजा ने राहत ले ली थी, लेकिन नई ECIR दर्ज करके आज प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने अपने पुराने आरोपी को धर लिया है...

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Jitendra Shrivastava
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Retired IAS Anil Tuteja Arrested

शिव शंकर सारथी, RAIPUR. प्रमोटी, रिटायर्ड आईएएस अनिल टूटेजा और उसके बेटे यश टूटेजा को ED ने अपनी कस्टडी में ही रखा है। कस्टडी में रहे दोनों आरोपियों से मिलने राजनीति में सक्रिय लोग देर रात तक ED ऑफिस के बाहर मौजूद हैं। रात 11.45 बजे ED दफ्तर के बाहर से, अंदर क्या हो रहा है, इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। आधिकारिक तौर पर शाम में गिरप्तारी से लेकर अब तक ED ने मीडिया के लिए कोई प्रेस नोट जारी नहीं किया है।edगिरफ्तारी के लिए टैक्सी नंबर प्लेट कार का इस्तेमाल

अनिल टूटेजा और उसके बेटे यश टूटेजा को उठाने में ED ने Ola-Uber में उपयोग होने वाली टैक्सी नंबर प्लेट कार का उपयोग किया। 7 सीटर जैसी गाड़ियों से यदि ED की टीम जाती तो टूटेजा गिरफ्त में नहीं आने का कोई जुगत लगा सकते थे। ED जानती थी, उसका शिकार Ex IAS है, जो उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में उसकी FIR को नामी वकीलों को हायर करके धो चुका है।

ED ने लिखी ECIR

ED ने नई ECIR लिखी है, इसे FIR की तरह कानूनी मान्यता है। साल 2020 में आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ की सत्ता के आसपास रहने वाले शराब कारोबारी, राजनेताओं और आईएएस आदि के घरों में दबिश दी थी। इस छापे में मिले सबूतों, डिजिटल सबूतों के बारे में राज्य के मुख्य सचिव को लीगल एक्शन के लिए लिखा गया था। आईएएस विवेक ढांड, सौम्या चौरसिया,आईएएस अनिल टूटेजा, टामन सिंह सोनवानी के नाम उस पत्र में हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अनुमति के बिना उस पत्र पर एक्शन नहीं हो सकता था। उस पत्र पर छत्तीसगढ़ शासन ने कोई एक्शन नहीं लिया।

ED कब मामले को जांचती है ?

जब मामला 10 करोड़ से ऊपर का हो और दूसरा जब मामले में मनी ट्रेल हुआ हो। आयकर की चिट्ठी में दोनों बातें थीं। बस, इसलिए ED ने FIR दर्ज की और सैकड़ों छापे मारे। तत्कालीन मुख्यमंत्री तब से लेकर अब तक ED को बीजेपी का एजेंट ही मानते हैं। फर्क बस ये आया है कि जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे तो प्रवर्तन निदेशालय के बाहर कांग्रेस के लोग ढोल-मंजीरा लेकर पंडाल तानकर बैठ जाया करते थे। पर अब जब सत्ता से बेदखली हो गई है तो अनिल टुटेजा और यश टूटेजा ED की कस्टडी में हैं और बाहर गिने-चुने लोग हैं। रात 12.15 बजे तक ED दफ्तर के बाहर वो लोग ही हैं, जिनके परिजन पहले ED की गिरफ्त में रहे हैं। जो लोग ED दफ्तर के बाहर हैं, उनके परिजन इन दिनों ACB के मेहमान हैं।

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रिटायर्ड IAS अनिल टूटेजा |

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