मेडिकल क्षेत्र में पीजी कर रहे विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। अब छात्र बिना थीसिस जमा किए भी परीक्षा दे सकेंगे। इस पर नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) मंजूरी दे दी है। नियम को प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों में तत्काल लागू किया गया है। वे विद्यार्थी मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट (एमडी, एमएस) की पढाई कर रहे है यह फैसला उनके लिए लिया गया है।
नियमों में किया बदलाव
नेशनल मेडिकल कमीशन एनएमसी द्वारा नियमों में बदलाव किया गया है। पीजी छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। बता दें कि, पहले बिना थीसिस जमा किए छात्र परीक्षा नहीं दे पाते थे। थीसिस जांच करने के लिए एक्सटर्नल व इंटरनल की टीम होती थी। प्रदेश में एमडी-एमएस की 460 सीटें हैं। पिछले साल तक 401 सीटें थी। पीजी में तीन साल में एक बार परीक्षा होती है। ऐसे में तीन वर्षीय कोर्स के छात्रों को फाइनल ईयर में थीसिस जमा करनी होती थी।
एनएमसी ने दी मंजूरी
थीसिस का विषय एडमिशन लेने के बाद तय हो जाता है। इसमें तीन साल की स्टडी होती है। इसके अनुसार थीसिस तैयार होती है। यह मोटा नोट बुक की तरह तैयार किया जाता है। इसमें छात्र के नाम के साथ गाइड का नाम लिखा होता है। इसे बकायदा चेक किया जाता है।
फिर हैल्थ साइंस विवि भेजा जाता है। वहां थीसिस ओके होते ही छात्र परीक्षा में बैठने के लिए पात्र हो जाता है। एनएमसी के पोस्ट ग्रेजुएशन मेडिकल एजुकेशन बोर्ड ने हाल में इस निर्णय को मंजूरी दी है। बता दें कि, यह नियम अब प्रदेश समेत देशभर में लागू हो गया है।
इस वजह से बदला नियम
एनएमसी ने पहले पीजी की परीक्षा 31 दिसंबर तक करवाने को कहा था। इस तारीख तक देशभर के कई मेडिकल कॉलेजों के छात्रों की थीसिस पूरी नहीं हो पा रही थी।छात्रों ने इसका विरोध भी किया था। फिर पीजी मेडिकल एजुकेशन बोर्ड की बैठक में थीसिस जमा किए बिना परीक्षा में बैठने का निर्णय लिया गया। यही नहीं अब छात्रों के विरोध के बाद परीक्षा की तारीख भी आगे बढ़ाई गई है। अब 31 जनवरी 2025 के पहले परीक्षा करानी होगी।
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