छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय (मेकाहारा) में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था की लंबी फेहरिस्त सामने आई है। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अस्पताल में व्याप्त गंभीर अनियमितताओं और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाई है। अस्पताल के गार्ड रूम को सफाई सुपरवाइजरों ने शराबखोरी का अड्डा बना लिया है, जहां महिला कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार और शोषण की शिकायतें आम हैं।
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ठेकेदारी का खेल और भ्रष्टाचार का जाल
पिछले 8-10 वर्षों से 'कॉल मी सर्विस' नामक कंपनी अलग-अलग नामों से सफाई और सुरक्षा का ठेका हासिल कर अस्पताल में एकछत्र राज चला रही है। कर्मचारी संघ के संरक्षक ओ.पी. शर्मा ने खुलासा किया कि ठेका कंपनी जीरो प्रतिशत मुनाफे के नाम पर कॉन्ट्रैक्ट लेती है, लेकिन कर्मचारियों की संख्या में हेराफेरी कर लाखों रुपये का गबन करती है। अनुपस्थित कर्मचारियों का वेतन निकालकर ठेकेदार अपनी जेब भरते हैं। इतना ही नहीं, सफाई कर्मचारियों, खासकर महिलाओं का मानसिक, आर्थिक और शारीरिक शोषण भी किया जा रहा है।
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सुपरवाइजर पर गंभीर आरोप, फिर भी बरकरार
सफाई सुपरवाइजर देव बिसेन पर दुर्व्यवहार और अश्लील वीडियो बनाने के आरोप में तीन बार जेल जाने के बावजूद उसे पद पर बनाए रखा गया है। कर्मचारी संघ का कहना है कि ठेकेदार 70% कर्मचारियों से ही काम करवाकर बाकी के फर्जी अटेंडेंस के जरिए शासन को चूना लगाते हैं। कोविड काल में भी 100 सफाई कर्मचारियों को गलत जानकारी देकर नौकरी से हटाया दिया। इसके बाद 40-40 हजार रुपये रिश्वत लेकर नए लोगों की भर्ती की गई।
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मरीजों और परिजनों की बदहाली
अस्पताल में मरीजों का इलाज कम, बदसलूकी ज्यादा होती है। सरकारी दवाएं उपलब्ध नहीं होने से निम्न स्तर की ब्रांडेड दवाओं की सप्लाई की जाती है। पार्किंग, कैंटीन, मैनेजमेंट और दवा माफिया का बोलबाला है। भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी मरीजों को निजी अस्पतालों की ओर धकेलने में लगे रहते हैं। बिना पैसे के कोई काम नहीं होता, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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पत्रकारों के साथ मारपीट की निंदा
हाल ही में पत्रकारों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार की घटना ने भी अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। कर्मचारी संघ ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
महिला स्व-सहायता समूहों को ठेका देने की मांग
कर्मचारी संघ ने कॉल मी सर्विस के सभी ठेकों को तत्काल रद्द करने और सफाई व सुरक्षा का जिम्मा महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने की मांग की है। साथ ही, बार-बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने पर अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
हस्तक्षेप और सुधार की जरूरत
मेकाहारा अस्पताल, जो कभी मरीजों के लिए आशा का केंद्र था, आज भ्रष्टाचार, शोषण और अव्यवस्था का पर्याय बन चुका है। गार्ड रूम में शराबखोरी से लेकर मरीजों के साथ बदसलूकी तक, यहाँ की स्थिति नर्क से कम नहीं है। प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप और सुधार की जरूरत है, ताकि मरीजों को राहत और कर्मचारियों को सम्मानजनक कार्य वातावरण मिल सके।
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