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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ में इस समय चक्रवात ‘मोन्था’ (Cyclone Montha) का जोरदार असर देखने को मिल रहा है। राजधानी रायपुर समेत राज्य के कई इलाकों में आसमान में घने बादल छाए हुए हैं और सुबह से तेज हवाएं चल रही हैं। इस बदलते मौसम ने लोगों की दिनचर्या पर असर डाला है। सबसे ज़्यादा परेशानी किसानों को हो रही है। उनकी धान की फसल कटाई के लिए तैयार है।
छत्तीसगढ़ मौसम विभाग ने हालात को देखते हुए 27 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 17 जिलों में यलो अलर्ट दिया गया है। इन जगहों पर गरज-चमक के साथ तेज बारिश की संभावना जताई गई है।
यह चक्रवात अपने साथ नमी और ठंडी हवाएं लेकर आया है, जिससे तापमान में गिरावट आई है और लोगों को हल्की ठंड महसूस होने लगी है।
लेकिन यह बेमौसम बारिश किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। बहुत से किसानों के खेतों में धान की फसल कटाई के आख़िरी चरण में है। अब बारिश और हवा से फसल को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ गया है।
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इन जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट:
ये वो जिले हैं जहाँ चक्रवात का सबसे ज़्यादा असर देखने को मिल सकता है:
बीजापुर
नारायणपुर
कांकेर
बालोद
दुर्ग
राजनांदगांव
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी
खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
कबीरधाम (कवर्धा)
मुंगेली
इन क्षेत्रों के निवासियों को अधिक सावधानी बरतने और बेवजह यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
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यहां बारिश का यलो अलर्ट
इन जिलों में भी गरज-चमक के साथ बौछारें और बिजली गिरने की संभावना बनी हुई है:
रायपुर
बिलासपुर
कोरबा
रायगढ़
जांजगीर-चांपा
सक्ती
सारंगढ़-बिलाईगढ़
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही
बलौदा बाजार
महासमुंद
धमतरी
गरियाबंद
कोंडागांव
बस्तर
दंतेवाड़ा
सुकमा
इन सभी 27 जिलों में प्रशासन को सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
तेज हवाएं और बारिश के बीच गिरा पारा
तापमान में गिरावट और तेज हवाओं ने मौसम को ठंडाई भरा बना दिया है। पिछले 24 घंटों में अधिकतम तापमान 30.2°C (दुर्ग) और न्यूनतम तापमान 18.2°C (पेंड्रा) रिकॉर्ड किया गया।
तेज हवा और नमी के कारण ठंड का असर महसूस होने लगा है, जो रबी सीजन की शुरुआत से पहले ही किसानों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
धान की फसल पर मंडरा रहा खतरा
यह समय धान की कटाई और खरीद पूर्व प्रक्रिया का है, इसलिए बेमौसम बारिश का सबसे ज्यादा असर किसानों पर पड़ रहा है।
धान की खेतों में भरी नमी से दाने सड़ सकते हैं, खलिहान में रखी फसल भीगने से खराब हो सकती है और कटाई में देरी भी आर्थिक नुकसान बढ़ा सकती है।
धान की फसल पर बारिश का प्रभाव:
✅ दाने में नमी बढ़ती है
✅ कटाई-गहाई में देरी
✅ सड़न और फफूंद का खतरा
✅ MSP खरीद प्रक्रिया प्रभावित
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बस्तर संभाग में सबसे तेज असर
मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात मोंथा के कारण बस्तर संभाग में हवा की रफ्तार 50 से 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। यह रफ्तार कई जगहों पर पेड़ों को गिराने और बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है। बीजापुर, सुकमा, कांकेर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल हैं।
बिलासपुर और सरगुजा संभाग में भारी बारिश की आशंका
30 अक्टूबर को बिलासपुर और सरगुजा संभाग में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग में हवाएं 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि अगले 48 घंटों तक यही स्थिति बनी रहेगी।
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