छत्तीसगढ़ में नक्सलियों फिर एक प्रेस नोट जारी कर शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया है। नक्सलियों के प्रस्ताव पर प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि पहले बंदूक छोड़े और फिर चर्चा के लिए आएं तो उनका स्वागत करेंगे। नक्सलियों की ओर से अगर कोई एक व्यक्ति वार्ता के लिए तैयार है तो सरकार भी चर्चा के लिए तैयार है। साथ ही आत्मसमर्पण कर नया जीवन शुरू करते हैं तो उनके पुनर्वास तक उनके साथ खड़े रहेंगे।
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नक्सलियों ने नया प्रेस नोट जारी कर दिया प्रस्ताव
नक्सलियों ने एक नया प्रेस नोट जारी कर जहां सरकार को दोबारा शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया। वहीं, प्रेस नोट में यह भी दावा किया कि वे स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी का विरोध नहीं करते हैं। सरकार और नक्सलियों के बीच वार्ता के लिए बनी समिति के सदस्यों को इसे आगे लाना होगा। इससे पहले नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने एक पर्चा जारी कर माना था कि पिछले 15 महीनों में उनके 400 साथी मारे गए हैं। अगर उनके के विरुद्ध ऑपरेशन रुकती है तो हम शांतिवार्ता के लिए तैयार हैं। इस पर प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हम शांतिवार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन वार्ता के लिए कोई शर्त मंजूर नहीं है।
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बंदूक का जवाब बंदूक से ही दिया जाएगा
नक्सलियों के दोबारा प्रस्ताव पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों ने पत्र में उल्लेख किया है कि स्कूल और अस्पतालों का विरोध नहीं करते। उन्होंने नक्सलियों से सवाल किया कि उनका दावा सही है तो वहां के गांवों में अब तक टीवी क्यों नहीं देखा गया? वहां की खेती सुधार क्यों नहीं आया और अब तक सिंचाई की सुविधाएं क्यों नहीं पहुंच सकी? गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों के शांति वार्ता प्रस्ताव पर कहा कि सामने आएं। जिस वार्ता समितिका उल्लेख किया है, वह समिति कौन-सी है। हमारी सरकार ने शांति वार्ता के लिए किसी प्रकार की कोई समिति गठित नहीं की है। गृह मंत्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि बंदूक का जवाब बंदूक से ही दिया जाएगा। हम बार-बार मुख्यधारा में लौटने की अपील कर चुके हैं।
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नक्सली आत्मसमर्पण करता है तो कार्रवाई नहीं
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि नक्सली मुख्यधारा में लौटें और लोगों को स्वतंत्र जीवन जीने दें। सरकार की नई नीति के तहत अगर कोई नक्सली आत्मसमर्पण करता है और वह कई वर्षों से नक्सली गतिविधियों में शामिल रहा है तो भी उसके विरुद्ध कार्रवाई नहीं होगी। अगर कोई नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहे तो हम भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम तो छोटे-बड़े ग्रुपों से भी बातचीत के लिए तैयार हैं। हम गांवों जाकर लोगों से बातचीत कर रहे हैं। बस्तर के गांव तक विकास पहुंचे इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
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नक्सलियों के विरुद्ध ऑपरेशन लगातार जारी
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा कर रखी है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म कर देंगे। अमित शाह की डेडलाइन जारी करने के बाद से नक्सलियों के विरुद्ध ऑपरेशन तेज हो गए हैं। इस बीच, नक्सलियों ने सप्ताहभर में दूसरी बार शांतिवार्ता के लिए सरकार के सामने अपनी बात रखी है। बीते बुधवार नक्सली लीडर रूपेश ने पर्चा जारी कर कहा था कि अगर सरकार की तरफ से सकारात्मक संकेत मिलते ही पूर्ण युद्धविराम अमल में आएगा। अब इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों के दोबारा शांति वार्ता के प्रस्ताव पर सरकार का रुख स्पष्ट किया है।
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