4456 शिक्षकों की नई तैनाती, 166 स्कूलों का होगा समायोजन

छत्तीसगढ़ में 16 जिलों में स्कूलों और शिक्षकों को सही जगह पर लगाने का काम पूरा हो गया है। सरकार के निर्देश पर 4456 अतिरिक्त शिक्षकों, प्रधान पाठकों और व्याख्याताओं की काउंसलिंग खत्म हो चुकी है। शिक्षकों ने पसंद के खाली स्कूल चुने।

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Krishna Kumar Sikander
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New deployment of 4456 teachers, 166 schools will be adjusted the sootr
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छत्तीसगढ़ में 16 जिलों में स्कूलों और शिक्षकों को सही जगह पर लगाने का काम पूरा हो गया है। सरकार के निर्देश पर 4456 अतिरिक्त शिक्षकों, प्रधान पाठकों और व्याख्याताओं की काउंसलिंग खत्म हो चुकी है। इन शिक्षकों को कोरबा, सुकमा, महासमुंद, गरियाबंद, बलौदाबाजार, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, सक्ति, जशपुर, मुंगेली, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई, दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, बीजापुर और सूरजपुर जैसे जिलों में नई जगहों पर भेजा गया है। बाकी जिलों में काम अभी चल रहा है। काउंसलिंग में शिक्षकों ने अपनी पसंद के खाली स्कूल चुने, और ये सब उनकी सीनियॉरिटी के आधार पर हुआ।

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10,463 स्कूलों में सिर्फ 166 को मिलाया जाएगा

राज्य में कुल 10,463 स्कूल हैं, जिनमें से सिर्फ 166 स्कूलों को मिलाया जाएगा। इनमें 133 ग्रामीण स्कूल ऐसे हैं, जहां 10 से कम बच्चे पढ़ते हैं और पास में ही एक किलोमीटर के दायरे में दूसरा स्कूल है। वहीं, शहरी इलाकों में 33 स्कूल ऐसे हैं, जहां 30 से कम बच्चे हैं और 500 मीटर के दायरे में दूसरा स्कूल मौजूद है। इन स्कूलों को मिलाने का मकसद बच्चों को बेहतर शिक्षा देना है, ताकि उनकी पढ़ाई पर कोई असर न पड़े। बाकी 10,297 स्कूल वैसे ही चलते रहेंगे, बस उनमें कुछ जरूरी बदलाव किए जाएंगे। स्कूलों की बिल्डिंग का इस्तेमाल पहले की तरह होगा और जहां जरूरत होगी, वहां शिक्षक भी रहेंगे।

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गांवों और शहरों में पढ़ाई की क्वालिटी सुधारना उद‍्देश्य 

दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार गांवों और शहरों में पढ़ाई की क्वालिटी को बेहतर करना चाहती है। इसके लिए स्कूलों और शिक्षकों को सही जगह पर लगाया जा रहा है, ताकि संसाधनों का सही इस्तेमाल हो। जिन स्कूलों में बच्चे कम हैं, उन्हें पास के अच्छे स्कूलों के साथ जोड़ा जा रहा है। इससे बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन, लाइब्रेरी, लैब, कंप्यूटर और क्वालिफाइड शिक्षक मिलेंगे। जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी थी, वहां अब पर्याप्त शिक्षक होंगे। कम बच्चों वाले स्कूलों के बच्चे अब पास के अच्छे स्कूलों में पढ़कर बेहतर शिक्षा पा सकेंगे।

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शिक्षकों की तैनाती जरूरत के हिसाब से

सरकार का मकसद साफ है कि हर बच्चे को अच्छी और क्वालिटी वाली पढ़ाई मिले। इसके लिए शिक्षकों की तैनाती जरूरत के हिसाब से की जा रही है। शिक्षा विभाग का मानना है कि यह केवल एक प्रशासनिक परिवर्तन नहीं, बल्कि शिक्षा में सुधार लाने की कवायद है। सरकार के इस प्रयास से भावी पीढ़ी को मजबूत नींव मिलेगी।

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