अब पेपरलेस होंगे treasury के काम, 1 जुलाई से बिलों को ऑनलाइन मंजूरी

छत्तीसगढ़ के सभी ट्रेजरी कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारियों के सैलरी बिल के अलावा अन्य बिलों को भी अब ई-कोष से ऑनलाइन स्वीकृति दी जाएगी। ट्रेजरी से जुड़े अधिकारियों को कोषालय में ऑनलाइन बिल भेजने के लिए डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा भी दी जा रही है।

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Jitendra Shrivastava
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अरुण तिवारी, RAIPUR. छत्तीसगढ़ सरकार का कामकाज अब पेपरलेस होने जा रहा है। खासकर ट्रेजरी ( treasury ) यानी वित्त से जुड़े सारे काम ऑनलाइन होंगे। सभी प्रकार के बिलों को ऑनलाइन मंजूरी दी जाएगी। राज्य के सभी ट्रेजरी कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारियों के सैलरी बिल के अलावा अन्य बिलों को भी अब ई-कोष के माध्यम से ऑनलाइन स्वीकृति दी जाएगी। ट्रेजरी से जुड़े अधिकारियों को कोषालय में ऑनलाइन बिल भेजने के लिए डिजिटल सिग्नेचर की सुविधा भी दी जा रही है। इस ऑनलाइन व्यवस्था से कामकाज आसान होगा, साथ ही बिलों की स्वीकृति तेजी से मिलेगी। वहीं बिलों की स्वीकृति का काम भी पारदर्शी ढंग से होगा। 1 जुलाई से ये व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।

ई-कोष से ई-गवर्नेस

राज्य के सभी कोषालयों में सरकारी विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों के सैलरी बिल की मंजूरी के लिए ऑनलाइन सॉफ्टवेयर ई-कोष का इस्तेमाल किया जा रहा है, साथ ही विभागों के माध्यम से बिलों की हार्डकॉपी भी आहरण संवितरण अधिकारियों के हस्ताक्षर के बाद कोषालयों में जमा किए जा रहे हैं। कोषालयों में बिलों की आहरण की अब पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद विभागों को बिलों की हार्डकॉपी कोषालयों में जमा करने की जरूरत नहीं होगी और न ही बीटीआर प्रस्तुत करना होगा। वहीं पेपर लेस प्रक्रिया से पर्यावरण भी संरक्षित होगा। 

बार-बार नहीं जाना होगा कोषालय  

संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि बिलों के आहरण की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद कोषालयों में बिलों की मंजूरी इसी प्रकार बिलों में आपत्ति लगाने जैसे काम भी ऑनलाइन होंगे। बिलों पर लगाई गई आपत्तियों का निराकरण भी ऑनलाइन होगा। इससे विभागों के कर्मचारियों को बार-बार कोषालय जाने की जरूरत भी नहीं रहेगी। विभाग के अधिकारी-कर्मचारी बिलों की स्वीकृति और आपत्तियों का निराकरण अपने कार्यालय से ही कर सकेंगे।

इसके लिए अलग से सॉफ्टवेयर बनेगा 

सैलरी के अलावा अन्य बिलों को भी ऑनलाइन स्वीकृति के लिए संचालनालय कोष लेखा द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है। ई-कोष के लिए महालेखागार कार्यालय में अलग से सर्वर भी स्थापित किया गया है। बिलों की ऑनलाइन मंजूरी प्रक्रिया के लिए वित्त विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को सॉफ्टवेयर संचालन से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिया गया है। संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा भी महालेखाकार को भेजा जाने वाले सभी प्रतिवेदन ऑनलाइन भेजे जाएंगे, इसके लिए अलग से सॉफ्टवेयर विकसित किए गए हैं।

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