रायपुर शहर विधानसभा में उपचुनाव तय , सिटिंग एमएलए बृजमोहन अग्रवाल चढ़ेंगे संसद की सीढ़ियां

छत्तीसगढ़ की रायपुर से बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल अब संसद की सीढ़ियां चढ़ने वाले हैं। बृजमोहन अग्रवाल रायपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार थे। वे अब चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं।  वे मोदी की कैबिनेट में भी शामिल हो सकते हैं।

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Vikram Jain
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RAIPUR Lok Sabha Seat Election Result Brijmohan Agarwal
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अरुण तिवारी@ RAIPUR. एक बार फिर रायपुर में चुनाव होना तय हो गया है। यह चुनाव होगा रायपुर शहर की विधानसभा के लिए। यहां के मौजूदा विधायक बृजमोहन अग्रवाल अब संसद की सीढ़ियां चढ़ने वाले हैं। बृजमोहन अग्रवाल रायपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार थे। वे अब चुनाव जीतकर सांसद बन गए हैं। वे मोदी की कैबिनेट में भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि ये अभी सिर्फ अटकलें हैं लेकिन जो बात तय है वो ये कि रायपुर शहर की विधानसभा में अब उपचुनाव होगा। ये उपचुनाव इसी साल होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के साथ हो सकते हैं। बृजमोहन अग्रवाल पिछले 35 सालों से लगातार विधायक हैं। बृजमोहन अग्रवाल रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का लगातार आठवीं बार प्रतिनिधत्व कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में चार विधायक चुनाव मैदान में थे। बृजमोहन अग्रवाल, भूपेश बघेल,देवेंद्र यादव और कवासी लखमा। लेकिन जीत सिर्फ रायपुर शहर के विधायक रहते हुए चुनाव लड़ने वाले बृजमोहन अग्रवाल की हुई हे। वे अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के विकास उपाध्याय से उन्हें मिले टोटल वोट से ज्यादा का अंतर से चुनाव जीते हैं। 

ऐसा रहा बृजमोहन का सियासी सफर

बृजमोहन अग्रवाल ने अपने राजनीति करियर की शुरुआत एबीवीपी से छात्र नेता के रूप में की। जिसके बाद साल 1990 में अविभाजित मध्यप्रदेश में पहली बार विधायक बने। इसके बाद 1993, 1998 में भी रायपुर से विधायक रहे। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद लगातार पांच बार 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। अब बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए साय सरकार में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा था। बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली रायपुर लोकसभा सीट से बृजमोहन नए रिकॉर्ड के साथ जीत हासिल की। साय कैबिनेट में वे स्कूल शिक्षा मंत्री,संसदीय कार्यमंत्री,संस्कृति और पर्यटन मंत्री हैं। 

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तीन दशक से रायपुर है बीजेपी का गढ़

रायपुर लोकसभा सीट वीआईपी सीट है। 1952 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है। लेकिन 1989 के बाद से अब तक ये सीट बीजेपी के कब्जे में रही है। सिर्फ 1991 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल ने ये सीट जीती थी। लेकिन फिर इसके बाद कभी इस सीट पर बीजेपी के अलावा कोई दूसरा दल यहां से नहीं जीत पाया। 1996 से 2014 तक बीजेपी के रमेश बैस लगातार सांसद रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में सुनील कुमार सोनी ने जीत दर्ज की। 2024 में  सुनील सोनी का टिकट काटकर बीजेपी ने बृजमोहन अग्रवाल को यहां से प्रत्याशी बनाया। 

ये है उपचुनाव की प्रक्रिया

जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 के सेक्सन-151 ए के अंतर्गत खाली सीट पर 6 महीने के अंदर चुनाव कराने का प्रावधान है। लेकिन इस प्रावधान में दो परंतु लगते हैं। जिनके कारण उपचुनाव टाले जा सकते हैं। पहला यदि खाली हुई सीट की बकाया अवधि 1 वर्ष से कम समय की है। दूसरा यदि केंद्र सरकार की मंत्रणा से चुनाव आयोग यह सर्टीफाई करता है कि इस अवधि में चुनाव कराना मुश्किल है। तो इन दो कारणों से चुनाव टल जाएगा। उपचुनाव के लिए अधिसूचना जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 के सेक्सन-150 के अंतर्गत जारी होती है। सामान्य चुनावों की तरह ही इसके लिये भी नामांकन, नाम वापसी, नामों की स्क्रूटनी और मतदान की तारीख तय की जाती है। और उसके बाद मतगणना होती है। इस प्रक्रिया के लिए करीब चालीस दिन का वक्त लगता है।

रायपुर लोकसभा सीट  बृजमोहन अग्रवाल

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