अरुण तिवारी @ Raipur. छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में भले ही बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन किया हो लेकिन संगठन अभी भी इससे संतुष्ट नहीं है। चुनाव के ठीक बाद पदाधिकारियों, नेताओ, विधायकों की क्लास लगना भी शुरू हो गई है। बीजेपी की नजर अब उन विधानसभाओं, ब्लॉक, मंडलों पर है, जहां लोकसभा चुनाव में उन्हें वोट नहीं मिले। बीजेपी ने 90 में से 68 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की है, लेकिन संगठन 22 विधानसभा क्षेत्र के प्रदर्शनों से संतुष्ट नहीं है। बीजेपी ने कम वोट वाले विधानसभा क्षेत्र के विधायकों को नए सिरे से रणनीति बनाकर अभी से जनता के बीच में विशेष सक्रियता बरतने के निर्देश दिए हैं। साथ ही संगठन ने आने वाले समय में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के लिए भी जुट जाने को कहा।
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टारगेट पर फिसड्डी विधायक
लोकसभा चुनाव खत्म होते ही बीजेपी की बैठकों में समीक्षा का दौर शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव में भले ही बीजेपी ने देश मे बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन संगठन स्तर पर अब यह समीक्षा की जा रही है कि जिन इलाकों से बीजेपी को वोट नहीं मिला वो कौन-कौन से इलाके हैं। अलग-अलग विधानसभाओं में हर बूथ की वोट का हिसाब- किताब तैयार किया जा रहा है। जिस जगह से हारे, वहां के विधायक से जवाब तलब भी किया जा रहा है। चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत भले ही बढ़ा है, लेकिन फोकस उन बूथों पर है जहां पिछले बार से कम वोट प्रतिशत रहा। मोदी ने हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने का टारगेट दिया था। अब यह देखा जा रहा है कि ऐसे कितने बूथ हैं जिन्होंने ये टारगेट पूरा नहीं किया। जिन विधानसभा क्षेत्रों में यह टारगेट पूरा नहीं हुआ होगा वे विधायक संगठन की टारगेट पर रहेंगे।
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चिंतित बीजेपी का चिंतन
बीजेपी के बारे में कहा जाता है कि चुनाव खत्म होने के बाद भी पार्टी का काम खत्म नहीं होता बल्कि आने वाले चुनाव की तैयारी में जुट जाती है। अब बीजेपी की नजर नगरीय निकाय चुनावों पर है। नवंबर-दिसंबर में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं और BJP पार्टी अब अपने विधायकों को निकाय चुनाव में जीत का टारगेट देने लगी है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी के पक्ष में कम वोट पड़े हैं वहां विशेष रणनीति बनाकर काम किया जा रहा है। अभी जिन बैठकों का दौर शुरू हुआ है उन पर कांग्रेस तंज कस रही है। पीसीसी के प्रवक्ता धनंजय ठाकुर कहते हैं कि अब बीजेपी की स्थिति कमजोर हो गई है, इसलिए बैठकों के माध्यम से विधायकों और अन्य नेताओं को अपना व्यवहार सुधारने की हिदायद दी जा रही है। दरअसल, छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद भी बीजेपी संगठन समीक्षा कर रहा है क्योंकि भले ही 11 में से बीजेपी ने 10 सीटें जीती हों लेकिन कई विधानसभाओं में वे परिणाम नही मिले जिसकी प्लानिंग थी। आने वाले समय में नगरीय निकाय चुनाव भी हैं इसलिए उन गड्ढों को अभी से भरा जा रहा, जो लोकसभा चुनाव में दिखे हैं।
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