Raipur Railway Station : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तरह साफ, आकर्षक और व्यवस्थित बनाया जा रहा है। नया स्टेशन करीब दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा। यही वजह है कि सफाई व्यवस्था में जबरदस्त बदलाव किया जा रहा है। रेलवे ने पहली बार सफाई के लिए परफार्मेस वेस्ड मैकेनाइज्ड सिस्टम से टेंडर जारी किया है।
अब स्टेशन के हर जगह की सफाई 44 हाईटेक मशीनों से की जाएगी। ये मशीनें अभी की तुलना में बड़ी और ज्यादा सफाई करने वाली होगी। इसमें मैन पावर भी कम लगेगा। इन मशीनों से स्टेशन परिसर में सभी प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया, फुट ओवरब्रिज, रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम आदि की सिस्टेमैटिक सफाई की जाएगी। रेलवे की जांच एजेंसी रोजाना सफाई की जांच करेगी। सफाई से संतुष्ट होने के बाद ही वे रिपोर्ट बनाकर मंडल में भेजेगी।
इस रिपोर्ट के आधार पर ठेका एजेंसी का भुगतान होगा। इतना ही नहीं एजेंसी सफाई से संतुष्ट नहीं हुई तो ठेका एजेंसी को दोगुना फाइन देना होगा। स्टेशन से रोजाना 70 हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। अभी तक मैन पावर सिस्टम से सफाई का टेंडर जारी होता था। इसमें 227 सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनकी ड्यूटी तीन शिफ्ट सुबह 6 से दोपहर 2. दोपहर 2 से रात 10 और रात 10 से सुबह 6 बजे तक रहती है।
रायपुर रेलवे स्टेशन को किस तरह विकसित किया जा रहा है और यह काम कब तक पूरा होने की संभावना है?
रायपुर रेलवे स्टेशन को एयरपोर्ट की तरह साफ-सुथरा, आकर्षक और व्यवस्थित बनाया जा रहा है। यह नया स्टेशन लगभग दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा।
स्टेशन की सफाई व्यवस्था में क्या बदलाव किया गया है और इसमें कौन-सी तकनीक उपयोग हो रही है?
रेलवे स्टेशन की सफाई के लिए पहली बार परफॉर्मेंस बेस्ड मैकेनाइज्ड सिस्टम लागू किया गया है। इसमें 44 हाईटेक मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे प्लेटफॉर्म, फुट ओवरब्रिज, वेटिंग रूम, सर्कुलेटिंग एरिया आदि की व्यवस्थित सफाई की जाएगी।
सफाई व्यवस्था की निगरानी और भुगतान की प्रक्रिया किस आधार पर की जाएगी?
रेलवे की जांच एजेंसी रोजाना सफाई की जांच करेगी और रिपोर्ट तैयार करेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर ठेका एजेंसी को भुगतान किया जाएगा। अगर सफाई संतोषजनक नहीं पाई गई तो एजेंसी को दोगुना जुर्माना देना होगा।