RAIPUR. छत्तीसगढ़ में एक सरपंच इतने ईमानदार कि जान से मारने की धमकियों के बाद भी डिगे नहीं, रायपुर के ग्राम पचेड़ा नरदहा के सरपंच नेहरू दांडे ने 35 एकड़ शासकीय भूमि को भूमाफिया और अवैध कब्जा करने वाले किसानों से छुड़वा लिया। दोबारा कब्जा ना हो इसके तीन तालाब खुदवा दिए और चौथे तालाब जिसे अमृत सरोवर कहा जाएगा, उस तालाब उसकी खुदाई जारी है। इसी 35 एकड़ में गायों के चरने और पीने के पानी की भी व्यवस्था है। 35 एकड़ भूमि कब्जे से मुक्त हुई तो स्थानीय ग्रामीणों को मनरेगा योजना से काम भी मिला। the sootr में आज बात इस ईमानदार सरपंच की।
ईमानदार सरपंच की कहानी में आगे बढ़ने से पहले, बेईमान शासकीय सेवकों के नाम जानिए, जो इन्हीं दिनों ACB की रेड में पकड़े गए
1. 5 जुलाई 2024: महिला थाना की थाना प्रभारी, वेदवती दरियो बीस हजार रुपए रिश्वत लेते धर ली गईं, रायपुर के बैरन बाजार में ACB की कार्रवाई।
2. झीरसागर नायक, नायब तहसीलदार,जिला धमतरी रिश्वत लेते गिरफ्तार, ACB की कार्रवाई।
3. 9 जुलाई 2024: कवर्धा के पंडरिया ब्लॉक में पटवारी घनश्याम मरावी दस हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार। वीडियो वायरल हुआ तो एसडीएम ने निलंबित किया।
4. 17 मई 2024 : अंबिकापुर में नगर निवेश विभाग के सहायक संचालक और सहायक मान चित्रकार 35 हजार रूपए लेते रिश्वत लेते गिरफ्तार, ACB की कार्रवाई
5.बस्तर संभाग के आठ ग्राम पंचायत के सरपंचो और सचिवों पर जांच में घोटाला साबित हुआ। एसडीएम बारी- बारी से भेज रहे हैं जेल
सरपंच नेहरू दांडे सफल क्यों हुए ?
ग्राम- पचेड़ा नरदहा के सरपंच नेहरू दांडे ने the sootr को बताया कि गांव के शासकीय चारागाह की भूमि में स्थानीय किसान सालों से धान की बुआई कर रहे थे। बाद में कुछ लोग निजी जमीन बताकर फर्जी कागजातों के जरिए जमीन बेचने लगे। तब गांव के लोगों (बुजुर्गो, युवाओं और महिलाओं) ने तय किया कि हम सब मिलकर भूमाफिया और अवैध कब्जा धारियों को खदेड़ देंगे। सबकी मेहनत रंग लाई। 35 एकड़ शासकीय भूमि कब्जा मुक्त है।
कब्जा मुक्त भूमि में अब क्या-क्या?
कब्जा मुक्त भूमि में दो बोर करवाए गए है। तीन तालाब खोद लिए गए है। साथ ही चौथे तालाब की खुदाई जारी है। चौथे तालाब को अमृत सरोवर योजना के तहत डेवलप किया जाएगा। अमृत सरोवर योजना में पाथ-वे, पेड़, आधुनिक घाट आदि में रुपया खर्च किया जा सकता है।
भूमाफिया को कैसे मनाया गया
The sootr को नेहरू दांडे ने बताया कि भूमाफिया आदि को हम सब लोग हमेशा शांति से ही मनाया है। रुपयों का लालच और धमकियां मिलीं। लेकिन, गांव के लोगों पर भरोसा था। सबका प्रयास था, इसलिए हम सब सफल हुए हैं।
आगे की क्या योजना, जमीन कीमती क्यों ?
ग्रामीणों ने बताया कि सरकार जो योजना लाकर, भूमि का जैसा उपयोग करना चाहे, हम सरकार का साथ देंगे। ग्राम पचेड़ा/नरदाहा की यह 35 एकड़ भूमि इसलिए भी कीमती है क्योंकि यहां से माता कौशल्या का मंदिर ज्यादा दूर नहीं है। साथ ही राम वन पथ गमन मार्ग में किए जा रहे कामों के चलते यह शासकीय भूमि कीमती थी। तालाब, बोर आदि का निर्माण करवाकर ईमानदार सरपंच ने शासकीय भूमि ही नहीं खुद को कीमती या अनमोल बना लिया है।
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