RAIPUR. कोल लेवी मामले में पिछले 16 महीनों से जेल ( jail ) में बंद सौम्या चौरसिया ( Saumya Chaurasia ) की जमानत याचिका खारिज कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के केस में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रहीं सौम्या की जमानत 5 माह पहले सुप्रीम कोर्ट से खारिज हुई थी। रायपुर की अदालत ने आज सौम्या चौरसिया को जमानत नहीं दी है। कानून के जानकारों को यह अंदेशा पहले से ही था कि सौम्या को फिलहाल जमानत नहीं मिलेगी।
सौम्या ने आवेदन में बच्चों की परवरिश को आधार बनाया
आज से पहले सौम्या चौरसिया की जमानत छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (बिलासपुर) और सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने तो बाकायदा गलत तथ्य प्रस्तुत करने के आरोप में एक लाख रुपए का जुर्माना तक ठोक दिया है। सौम्या के वकीलों ने रायपुर में नए ग्राउंड के साथ जमानत अर्जी लगाई थी इसमें उप सचिव रहीं सौम्या चौरसिया ने बच्चों की परवरिश को आधार बनाकर जमानत का आवेदन किया है। सौम्या का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ईडी से जरूरी दस्तावेज मंगाए थे। जानकारी मिली है कि ईडी ने ये दस्तावेज जमा कर दिए। कोयला घोटाला केस में नाम आने के बाद से राज्य सेवा से सौम्या चौरसिया को निलंबित कर दिया गया था। 12 अप्रैल को कोर्ट में सुनवाई हुई। उसी दिन फैसला आना था, लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
यह घोटाला लगभग 500 करोड़ का है
ED की चार्ज शीट में सौम्या चौरसिया पर यह आरोप है कि कोयला परिवहन घोटाला के किंग पिन आरोपी सूर्यकान्त तिवारी के सिर पर इनका आशीर्वाद था। यह घोटाला लगभग 500 करोड़ का है। ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने अपनी जांच के दौरान लगभग 200 करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति को जब्त किया है। जब्त सम्पत्तियां सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, आईएएस समीर विश्नोई और आईएएस रानू साहू, सुनील अग्रवाल और उनके परिजनों के नाम रही है। घोटाला के आरोप में बंद रायपुर सेन्ट्रल जेल में बंद आरोपियों ने एक नेक्सस बनाकर कोयला परिवहन के दौरान रुपयों की अवैध उगाही की।
उगाही की रकम तीन कामों में खर्च होती थी...
1. राजनीतिक कार्यक्रमों में
2. अधिकारियों को रिश्वत देने में
3. नेक्सस के लोगों में हिस्सेदारी
ED ने अवैध उगाही के मामले में दो IAS को गिरफ्तार किया था
आईएएस समीर विश्नोई पर आरोप है कि घोटाला की जमीन उन्होंने तैयार की। नियम में बदलाव किया और उसका नोटिफिकेशन भी जारी करवाया। नोटिफिकेशन जारी होने के 15 दिन बाद उगाही शुरू हुई यह प्रवर्तन निदेशालय का दावा है। प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध उगाही के आरोपों को स्थापित करने के लिए जहां दो आईएएस को गिरफ्त में लिया है तो वहीं, कलेक्ट्रेट की खनन शाखा के एक-दो कर्मचारियों को भी गिरफ्त में लिया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री की उप सचिव, दो आईएएस, कोल वाशरी के मालिक और सीए सुनील अग्रवाल, कांग्रेस नेता किंगपिन सूर्यकान्त तिवारी, लक्ष्मी कांत तिवारी, निखिल चंद्राकर आदि रायपुर सेन्ट्रल जेल में बंद हैं।