SBI fake branch chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में एसबीआई यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की फर्जी ब्रांच पकड़े जाने के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है।
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इसमें पकड़े गए आरोपियों ने कई खुलासे किए हैं। इसमें पुलिस को जो पता चला है, वो बहुत ही चौंकाने वाला है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के मालखरौद थाना क्षेत्र में पिछले दिनों SBI की फर्जी ब्रांच पकड़ी गई थी। तभी से यह मामल देशभर में सुर्खियों में बना हुआ है। पुलिस भी इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश में लगी हुई है।
क्या था मामला
मालखरौद थाना क्षेत्र के छपोरा गांव में पिछले दिनों एसबीआई की फर्जी ब्रांच पकड़ी गई थी। ब्रांच में पूरी तरह से एसबीआई के अनुसार ही सेटआप तैयार किया गया था।
मैनेजर, फील्ड ऑफिसर, क्लर्क , फाइनेंसियल एडवाइजर से लेकर प्यून, गार्ड तक का पूरा स्टाफ था। तीन साल से यह ब्रांच चल रही थी।
खास बात ये थी कि इस ब्रांच में कैश का लेन-देन नहीं होता था। इतना ही नहीं बैंक में खाते भी नहीं खोले जाते थे। ग्रामीणों ने शक होने पर इसकी शिकायत थाने में की थी।
इस पर पुलिस ने छापामार कार्रवाई की थी। इसमें ब्रांच मैनेजर तो मौके से भाग निकला, लेकिन इसके तीन कर्मचारी पुलिस के हाथ चढ़ गए।
बेरोजगारों को ठगने की लिए बुना गया था जाल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार छपोरा में एसबीआई की फर्जी ब्रांच खोलने का उद्देश्य कैश की ठगी करना नहीं था। इस ब्रांच में कैश का तो लेन- देन होता ही नहीं था।
यहां एक तरह से फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चलाया जा रहा था। फर्जी ब्रांच को खोलने वाले लोगों का असली मकसद बेरोजगारों को फांसना था।
ये लोग बेरोजगारों को बैंक में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपए की उगाही करते थे।युवओं का झांसे में लेने के लिए ये लोग अपॉइंटमेंट लेटर देने के बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए छपोरा ब्रांच में भेजते थे।
यहां एसबीआई की तरह ही हूबहू सेटअप तैयार कर रखा था, जिससे जाल में फंसे लोगों को भरोसा हो जाता था कि उनकी SBI में ही नौकरी लगी है। इन लोगों के जरिए ठग गैंग नए शिकार भी फांस लेता था।
SBI में कैशियर की नौकरी के लिए 5 लाख दिए
एसबीआई की फर्जी ब्रांच खोले जाने के मामले में पुलिस ने रेखा साहू, मनीधर व पंकज नामक युवक के खिलाफ केस दर्ज किया है।
थान प्रभारी राजेश पटेल का कहना है कि जांच में पता चला है कि कबीरधाम के एक युवक ने SBI में कैशियर की नौकरी के लिए 5 लाख रुपए दिए थे।
प्रारंभिक जांच में ऐसे तकरीबन 100 मामले होने की बात सामने आई है। आरोपियों की गिरफ्तारी भी जल्द ही कर ली जाएगाी।