छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को नौ महीने पूरे होने जा रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। किसानों, महिलाओं और युवाओं पर वह अधिक फोकस कर रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के लोगों को भाजपा ने गारंटी दी थी कि राज्य में खुशहाली और समृद्धि के लिए सुशासन की स्थापना की जाएगी। साथ ही जिस भूपेश की ताकतवर सरकार से भाजपा लड़ रही थी तभी उसने नारा भी दिया कि “हमने बनाया है हम ही सँवारेंगे”…।मतलब कि आंगन हमारा है इसमें तुम्हारा क्या काम है लेकिन क्या भाजपा की सरकार अपने कहे मुताबिक़ राज्य को संवारती दिख रही है। केवल नौ महीने में किसी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाना थोड़ी ज़्यादती होगी लेकिन फिर भी उससे कुछ पूछा तो जा सकता है?
पहले भाजपा की विष्णु सरकार के कुछ कामों पर एक सरसरी नज़र डाल लेते हैं। साय सरकार ने आवासहीन और जरूरतमंद 18 लाख परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास को मंजूरी दी।पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिव पर सरकार ने 13 लाख किसानों के बैंक खातों में 3716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस देकर कर इस गारंटी को भी पूरा किया।महतारी वंदन योजना में 70 लाख से अधिक गरीब परिवार की महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए देने की घोषणा को लागू किया।राज्य के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में माओवाद उन्मूलन के लिए भी सजगता से काम किया जा रहा है। जिसकी निगरानी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ख़ुद कर रहे हैं।
माओवादियों को सुधर जाओ नहीं तो ठोक देंगे वाली लाइन पर सरकार माओवाद को खत्म करने का मन बना चुकी है।इसके साथ ही इन क्षेत्रों में लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नियद नेल्लानार योजना शुरू की गई।राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर अब 5500 रुपए प्रति मानक बोरा कर दी गई है। चालू तेंदूपत्ता सीजन से ही 12 लाख 50 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को योजना का लाभ मिल रहा है।सरकार ने भर्तियों में युवाओं को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट का निर्णय लिया है।
गर्भकाल…
विष्णुदेव साय सरकार के नौ माह और आपका आंकलन…
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राज्य में युवा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए उद्यम क्रांति योजना शुरू करते हुए बजट में प्रावधान भी कर दिया है।जिसके तहत इस 50 प्रतिशत सब्सिडी पर ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई है।रायपुर को आईटी हब बनाने का काम शुरू हो गया है। हाल ही में 2 आईटी कंपनियों के साथ एमओयू हुआ है।एनसीआर की तर्ज़ पर एससीआर बनाया गया है सरकार मानती है इससे राज्य में शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा। सरकार ने इन्वेस्ट इंडिया की तर्ज पर “इन्वेस्ट छत्तीसगढ़” आयोजित करने के लिए बजट में पांच करोड़ रुपए का प्रावधान भी कर दिया है।
ये सब तो वे काम हैं जो एक समन्वित प्रयास से परिणाम तक पहुँचाए जाते हैं लेकिन इनके बीच सरकार का संकल्प और उसकी दृढ़ता का भी परीक्षण होता है इन नौ महीनों में साय सरकार का संकल्प और दृढ़ता कई मामलों में हिलती डुलती नज़र आई। ऐसे कई सरकारी फरमान जिनके कारण भाजपा और उसके विचार परिवार के बीच ही मनमुटाव का माहौल बनने लगा। सत्ता में आते ही प्रशासन में कसावट लाने के लिए सरकार ने प्रभावी अधिकारियों की एक जंबो सूची जारी की।
इस सूची में तीन दर्जन से अधिक ऐसे नाम थे जो पिछली सरकार के कृपापात्र और भाजपा के निशाने पर थे।इन्हें महत्व कैसे मिला इसका जवाब न सरकार के पास न संगठन के पास है।सरकार ने ऐसे कई आदेश जारी किए जो एक दिन या एक घंटे में वापस ले लिये। सत्ता में आने के बाद कार्यकर्ताओं की भावनाओं को महत्व नहीं दिया। दबे स्वरों में ये बातें सत्ता और संगठन के गलियारों में सुनाई भी दी। लब्बोलुवाब ये कि विष्णुदेव की सरकार कम से अब तक इस स्थिति में नहीं आ पाई है कि हम कह सकें कि … अस्य विष्णोराज्ञया अर्थात् यह विष्णु की आज्ञा है..
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। यह उनके निजी विचार हैं।
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