/sootr/media/media_files/2025/07/20/social-media-accounts-soldiers-shut-down-strategy-leaked-operation-2025-07-20-19-55-53.jpg)
छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में ऑपरेशन की रणनीतिक गोपनीयता को बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ा कदम उठाया है। बस्तर संभाग के सातों जिलों में तैनात सुरक्षाबलों को अब सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रहने का आदेश दिया गया है। यह निर्णय हालिया ऑपरेशनों के दौरान सोशल मीडिया पर संवेदनशील जानकारियां लीक होने की घटनाओं के बाद लिया गया है। जवानों की सुरक्षा और मिशन की सफलता को ध्यान में रखते हुए यह सख्त साइबर नीति लागू की गई है।
Narayanpur Naxal Surrender: 37 लाख के इनामी 22 नक्सलियों ने किया सरेंडर,8 महिलाएं भी शामिल
सुरक्षा बलों का सोशल मीडिया अकाउंट बंद
माओवादी मोर्चे पर तैनात सुरक्षा बलों की रणनीतिक गोपनीयता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए एक सख्त कदम उठाया गया है। माओवाद प्रभावित जिलों में तैनात सुरक्षा बल के जवानों को इंटरनेट और सोशल मीडिया से दूर रहने के लिए निर्देशित किया गया है। जिससे की किसी भी प्रकार की ऑपरेशन जानकारी लीक न हो सके।
डिलीट करा दिए गए सभी सोशल मीडिया अकाउंट
बता दें कि बस्तर संभाग के सातों माओवादी प्रभावित जिलों – दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, कोंडागांव, कांकेर और बस्तर में तैनात डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड), एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स) के जवानों के सभी इंटरनेट मीडिया अकाउंट अब डिलीट करा दिए गए हैं। जवानों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे किसी भी प्लेटफार्म से दूरी बनाए रखें और भविष्य में कोई भी ऑपरेशनल जानकारी साझा न करें।
सोशल मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध- जवानों के फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे सभी अकाउंट डिलीट कराए गए। ऑपरेशन में सीमित मोबाइल उपयोग- ऑपरेशन के दौरान केवल आपात स्थिति या आधिकारिक कॉल की अनुमति; वीडियो, फोटो पूरी तरह बैन। लीक हुए वीडियो से खतरा बढ़ा- हाल ही में पोस्ट किए गए ऑपरेशनल वीडियो में हथियार, जंगल मार्ग, मुठभेड़ स्थल की जानकारी वायरल हुई। जवानों को मिल रही काउंसलिंग- साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऑपरेशन के बाद मोबाइल जांच अनिवार्य- ऑपरेशन समाप्त होने के बाद जवानों के मोबाइल की जांच की जाएगी कि कोई जानकारी लीक न हो। |
इस निर्णय के पीछे मुख्य वजह पिछले दिनों हुए ऑपरेशन से जुड़ी संवेदनशील जानकारियों का इंटरनेट मीडिया के ज़रिए लीक होना, बताया जा रहा है। माओवादी कमांडर बसव राजू के मारे जाने के बाद जवानों द्वारा पोस्ट किए गए आपरेशनल वीडियो मिलियन्स में व्यूज बटोर रहे थे, जिनमें हथियार, जंगल मार्ग, मुठभेड़ स्थल और यहां तक कि घायल या मारे गए माओवादियों की तस्वीरें भी शामिल थीं। इससे मिशन की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा था।
जवानों को दी जा रही काउंसलिंग
जवानों को साइबर सुरक्षा और गोपनीयता को लेकर विशेष काउंसलिंग भी दी जा रही है ताकि वे अनजाने में भी कोई संवेदनशील जानकारी साझा न करें। यह कदम माओवादी विरोधी अभियानों की सफलता सुनिश्चित करने और जवानों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की दिशा में लिया गया निर्णायक निर्णय है।
ऑपरेशन में सीमित होगा मोबाइल उपयोग
ऑपरेशन के दौरान मोबाइल उपयोग भी सीमित कर दिया गया है। जवान केवल आपातकालीन या आधिकारिक संपर्क के लिए ही फोन का प्रयोग कर सकेंगे। वीडियो बनाना, फोटो लेना और रिकार्डिंग पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है।आपरेशन के बाद मोबाइल की जांच भी अनिवार्य कर दी गई है।
माओवादी ऑपरेशन | सोशल मीडिया प्रतिबंध | जवानों का सोशल मीडिया अकाउंट बंद | Chhattisgarh Naxal | Chhattisgarh Naxalite active | Chhattisgarh Naxalite news | Chhattisgarh Naxal Movement | Chhattisgarh Naxal News | माओवादी संगठन
FAQ
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃 🤝💬👩👦👨👩👧👧