KANKER. अबूझमाड़ इलाके में नक्सलियों (Naxalites) ने चार वर्ग किलोमीटर में फैली दस से ज्यादा पहाड़ियों पर अलग-अलग कैंप बना रखे थे, जिसका कंट्रोल रूम टेकामेटा में था। पहाड़ियों पर लाड़ी में नक्सलियों ने कहीं अपनी चिकित्सा व्यवस्था करने के साथ ही दवाइयां डंप की थी तो कहीं राशन रखा हुआ था, साथ ही नक्सली साहित्य की छपाई होती थी और कहीं भोजन बनने के लिए कैंप लगे थे। वहीं मौके पर लोहे के सरिए और जेसीबी मिले है। नक्सली यहां स्थाई कांक्रीट बंकर बनाने की तैयारी कर रहे थे। पहाड़ियों पर व्यवस्था से लग रहा है कि यहां 150 से ज्यादा नक्सली अपना डेरा डाले हुए थे और इन सभी को टेकामेटा से कंट्रोल किया जा रहा था।
कलपर से 10 गुना कठिन टेकामेटा पहुंचना
16 अप्रैल को कलपर पहाड़ी में 29 नक्सलियों को मार गिराया था। नक्सलियों ने कलपर पहाड़ी पर अपना अस्थाई डेरा जमाया था। वहीं टेकामेटा की पहाड़ी में इनका स्थाई कैंप था। जहां पहुंचना कलपर पहाड़ी से 10 गुना ज्यादा कठिन था।
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नहीं हुई जेसीबी स्टार्ट तो जवानों ने वहीं जला दी
पहाड़ी पर जवानों को मौके पर जेसीबी मशीन मिली। नक्सली इससे पहाड़ी में गड्ढा खोदने आदि का काम किया करते थे। हमले के बाद जवानों ने मशीन को स्टार्ट करने की कोशिश की तो वह स्टार्ट नहीं हुई, इसके बाद जवानों ने जेसीबी में आग लगाकर उसे वहीं नष्ट कर दिया। पहाड़ियों में बने इनके कैंप व कंट्रोल रूम को सुरक्षा देने नक्सलियों ने उसके चारों स्पाइक होल बना रहे थे। इसके साथ ही यहां मिली भारी मात्रा में दवाइयों व राशन को भी जला कर नष्ट कर दिया।
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कांकेर पुलिस ने वाहनों से शव बाहर निकाले
एएसपी पखांजूर प्रशांत शुक्ला ने कहा कि काफी संवेदनशील इलाका होने के कारण फोर्स मुठभेड़ के कारण जंगल से नहीं निकल पाई और पूरी रात जंगल में ही नक्सलियों के शव को लेकर वही डटी रही। Kanker Police की मदद से बुधवार को मारे गए सभी नक्सलियों के शव को जंगल से बाहर निकाल लिया गया था। जंगल से बाहर निकालने के लिए जवानों ने 7 किमी तक नक्सलियों के शव को कंधे पर लादकर पैदल चले थे। इसके बाद कांकेर पुलिस के वाहन से छोटे बेठिया होते हुए जिला मुख्यालय नारायणपुर के लिए भेज दिया गया।
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नक्सलियों के पास हाईटेक सुविधा(Naxalites have hi-tech facility)
आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि मारे गए दस नक्सलियों में से 8 की पहचान कर ली गई है। इनमें एसजेडीसीएम (SJDCM) जोगन्ना, कंपनी नंबर दस का कमांडर मल्लेश और डीवीसीएम विनय शामिल हैं। जोगन्ना पर 196, मल्लेश पर 43 और विनय पर 8 मामले दर्ज हैं। उनके पास AK-47, इंसास, दो नग 303 रायफल, एक 315 बोर और एक 12 बोर की बंदूक के साथ-साथ तीन भारमार, बीजीएल लांचर व अन्य सामान मिले थे।
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जवान सुबह 4 बजे पहुंचे
सुबह 4 बजे ही जवान पहाड़ियों पर पहुंच गए थे। तभी संत्री की नजर जवानों पर पड़ गई फिर उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने उनसे सरेंडर करने कहा पर उधर से फिर से गोलीबारी शुरू कर दी थी।