Inside Story Of Surgical Strike In Chhattisgarh
अरुण तिवारी, RAIPUR. कांकेर में सुरक्षाबलों के जवानों ने नक्सलियों को चुन-चुनकर मारा। इसमें 29 नक्सली ढेर हो गए। इनमें आठ लाख के इनामी मास्टर माइंड शंकर और ललिता भी शामिल थे। ये नक्सलियों पर देश में अब तक की सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक थी। इससे पहले गढ़चिरौली और उड़ीसा में इस तरह की बड़ी मुठभेड़ हुई थी। गढ़चिरौली में 27 और उड़ीसा में 24 नक्सली मारे गए थे। द सूत्र आपको बता रहा है इस सर्जिकल स्ट्राइक की इनसाइड स्टोरी। आखिर बीएसएफ और डीआरजी यानी डिस्ट्रिक रिजर्व फोर्स को कैसे पता चला कि मास्टरमाइंड शंकर अपने साथियों के साथ एक खास जगह पर अष्टमी के दिन बैठक ले रहा है। बैठक का एक खास एजेंडा भी था। कैसे एक छोटी-सी हिंट ने जवानों को एक बड़ी कामयाबी दिला दी। क्या था बैठक का एजेंडा और वो कौन-सी हिंट मिली थी जिससे इस पूरे ऑपरेशन का प्लान तैयार किया गया था।
एक चिट्ठी जिस पर लिखा था अब तक 50
8 अप्रैल को नक्सलियों की मध्य रीजन कमेटी ने एक पर्चा जारी किया। इसमें लिखा था कि 1 जनवरी 2024 से सरकार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन कगार चला रही है। इस ऑपरेशन में आदिवासियों का दमन किया जा रहा है। नई सरकार के तीन महीनों में हमारे 50 साथी शहीद हो गए हैं। हम उन वीर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे और उनके सपनों को पूरा करने के लिए शोषण विहीन समाज के निर्माण का प्रण लेंगे। इस चिट्ठी में 15 अप्रैल को बंद का आह्वान भी किया गया था। ये पर्चा सरकार के हाथ में लगा और सरकार ने अपने मुखबिर तंत्र को एक्टिव कर दिया। मुखबिरों ने सरकार को एक खास टिप दी। ये टिप थी नक्सलियों की बैठक की। बस फिर क्या था सुरक्षा बल अलर्ट मोड पर आ गए।
अष्टमी को रची जा रही थी हमले की साजिश
मंगलवार को दुर्गा अष्टमी यानी 16 अप्रैल को एक खास जगह मास्टरमाइंड शंकर राव और ललिता ने अपने साथियों की एक बैठक बुलाई। लंच के बाद शंकर और ललिता आराम से बैठे थे। बाकी लोग मीटिंग की तैयारी में लग गए। सूत्रों की मानें तो मीटिंग का एजेंडा बस्तर में होने वाली वोटिंग के दिन यानी 19 अप्रैल को बड़े हमले को लेकर था। मंगलवार सुबह छोटे बेठिया थाना क्षेत्र से डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त पार्टी नक्सल विरोधी अभियान में सर्चिंग पर बिनगुन्दा जंगल की ओर निकली थी। जहां जवानों को पहले से सूचना मिली थी कि जंगल में बड़े नक्सलियों का एक दल सक्रिय है और लोकसभ चुनाव में बाधा पहुंचने की तैयारी में है। नक्सलियों को इस बात की भनक लगी तो जंगल की ओर से सर्चिंग पार्टी पर नक्सलियों ने हमला बोल दिया। इसके बाद जवानों ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। इसका एक वीडियो भी सामने आया।
सभी नक्सली ढेर, 3 जवान घायल
जवानों ने शंकर और ललिता समेत वहां पर मौजूद सभी नक्सलियों को ढेर कर दिया। इसमें तीन जवानों को गोली लगी थी, लेकिन अब उनकी हालत खतरे से बाहर है। सरकार ने ये भी जता दिया है कि नक्सलियों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनको फ्री हैंड दे दिया है। इसके बाद भी सरकार ने नक्सलियों से हिंसा छोड़ बातचीत करने का फिर से ऑफर दिया है। सुरक्षाबलों ने बेहतर समन्वय और पूरी प्लानिंग के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया और नक्सलियों को उनके घर में घुसकर ढेर कर दिया।
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अब बस्तर की वोटिंग पर नजर
अब तक तीन महीनों में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए नक्सलियों की संख्या 50 से बढ़कर 79 हो गई है। इस एनकाउंटर के बाद नक्सली और बौखला गए हैं। मुखबिरी के शक के चलते उन्होंने एक सरपंच की हत्या भी कर दी। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है। इस मतदान को देखते हुए चुनाव आयोग ने यहां पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। मतदान दलों को हेलिकॉप्टर से पहुंचाया गया है। इसके अलावा आपात स्थिति से निपटने के लिए भी हेलिकॉप्टर और चौपर तैयार रखे गए है। दो एयर एंबुलेंस का इंतजाम भी किया गया है। बस्तर में 1961 मतदान केंद्र हैं। इन मतदान केंद्रों पर 62 हजार हथियारबंद जवान तैनात किए गए हैं। सुरक्षाबलों की 350 कंपनियां मौके पर हैं।
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