सरगुजा एसपी योगेश कुमार पटेल ने विवादित आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी को विभागीय जांच के बाद बर्खास्त कर दिया है। फिरदौसी के खिलाफ ड्रग्स के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर प्रताड़ित करने, गाली-गलौज कर धमकी देने समेत कई शिकायतें थीं। जांच में शिकायत सही पाई गई। अंबिकापुर के चोपड़ापारा निवासी सैय्यद आलम ने सरगुजा एसपी से शिकायत की थी कि, वो चोपड़ापारा में सैलून का संचालन करता था। सैलून के संचालन को लेकर उसका अजविंदर कौर से विवाद हुआ था।
इसकी थाने में कोई शिकायत नहीं की गई थी। शिकायत नहीं होने बाद भी आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी उनके बीच में आया। आरक्षक ने सैय्यद आलम को जान से मारने की धमकी दी और ड्रग्स के केस में फंसाने की धमकी दी। आरक्षक ने सैय्यद आलम को सैलून और शहर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। सैय्यद आलम ने पुलिस को आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी और अपने साले रेहान अहमद के बीच हुई बातचीत का ऑडियो रिकार्ड भी दिया।
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दूसरी शिकायत में भी आरक्षण मिला दोषी
दूसरे मामले में रेशमा परवीन और आयुष सिन्हा ने आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी के खिलाफ गाली-गलौज कर धमकी देने और प्रताड़ित करने की शिकायत एसपी से की थी। मामले की जांच में सभी पक्षों का बयान लिया गया। आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी ने रेशमा और आयुष से बेवजह गाली-गलौज कर अपशब्दों का प्रयोग कर उन्हें प्रताड़ित करने की पुष्टि हुई।
जांच के बाद एसपी ने किया बर्खास्त
विभागीय जांच के बाद एएसपी मानक राम कश्यप ने रिपोर्ट सरगुजा एसपी योगेश पटेल को सौंपी थी। मामले की जांच में आरक्षक को दोषी पाया गया। एसपी योगेश पटेल ने आरक्षक आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। इससे पहले, शिकायतों के बाद आरक्षक समीनुल हसन फिरदौसी को 6 दिसंबर 2023 को निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया गया था। एसपी ने निलंबन अवधि 246 दिनों को निलंबन में ही रखने का आदेश दिया है।
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