छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र और रोहित तोमर के गैरकानूनी कारनामों का एक और पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने उनके ठिकानों पर छापेमारी कर अवैध रूप से चल रही विस्टो फाइनेंस कंपनी का भंडाफोड़ किया। इस कार्रवाई में कंपनी के वसूली मैनेजर बंटी सहारे और जितेंद्र देवांगन उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया गया। दोनों पर तोमर बंधुओं के लिए सूदखोरी का धंधा चलाने और लेन-देन का हिसाब-किताब रखने का आरोप है।
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काली कमाई को फाइनेंस कंपनी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि तोमर भाई अपनी काली कमाई को छिपाने और छवि चमकाने के लिए फाइनेंस कंपनी की आड़ में सूदखोरी का जाल बिछा रहे थे। इस कंपनी के जरिए लोगों को ब्याज पर कर्ज देने से पहले उनकी प्रॉपर्टी, सोना-चांदी या अन्य कीमती सामान गिरवी रखवाया जाता था। इससे वे वसूली के आरोपों से बचते थे। दोनों भाइयों के फरार होने के बाद उनके गुर्गे बंटी और जितेंद्र भी छिप गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
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करोड़ों के लेन-देन के सबूत बरामद
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गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस को तीन-चार रजिस्टर मिले, जिनमें करोड़ों रुपये के लेन-देन का हिसाब दर्ज है। पुलिस इन दस्तावेजों की जांच कर रही है ताकि लेन-देन की पूरी राशि और इस धंधे में शामिल अन्य लोगों का पता लगाया जा सके। पूछताछ में और भी खुलासे होने की संभावना है।
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अवैध नेटवर्क को तोड़ने की तैयारी
पुलिस का कहना है कि तोमर बंधुओं ने फाइनेंस कंपनी का ढोंग रचकर लोगों को अपने जाल में फंसाया। अब पुलिस इस अवैध कारोबार के पूरे नेटवर्क को तोड़ने और अन्य संलिप्त लोगों को पकड़ने की तैयारी में है। पुलिस ने नेटवर्क पर नजर गड़ा रखी है और जल्द ही पर्दाफाश होने की संभावना है।
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