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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधु वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर रहस्यमयी ढंग से लापता हैं। उनके गिरेबान तक कानून के लंबे हाथ नहीं पहुंच पा रहे है। बड़ा सवाल यह है कि अगर रायपुर पुलिस एक्टीव है तो दोनों भाइयों को जमीन निगल गई या आसमान खा गया? हालांकि रायपुर पुलिस ने इनके ठिकानों और परिचितों के घरों पर लगातार छापेमारी की, लेकिन हर बार हाथ खाली रहा। पुलिस ने भाठागांव के वॉलफोर्ट सिटी और हनुमान वाटिका कॉलोनी में दो संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दी, जहां तोमर बंधुओं के करीबी रविंद्र सिंह और ऋषभ सिंह रहते हैं। ऋषभ सिंह करणी सेना का प्रदेश उपाध्यक्ष बताया जाता है। हालांकि, दोनों भाई वहां नहीं मिले, लेकिन पुलिस को कुछ अहम सुराग जरूर मिले हैं।
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तेलीबांधा कांड ने उड़ाई पुलिस की नींद
तोमर बंधुओं की तलाश तब तेज हुई, जब तेलीबांधा में एक क्लब में प्रॉपर्टी डीलर के साथ मारपीट की घटना सामने आई। इस मामले के बाद दोनों भाई फरार हो गए। पुलिस ने भाठागांव में उनके ठिकाने पर सर्च वारंट के साथ छापा मारा, जहां लाखों की नकदी, सोने-चांदी के जेवर, हथियार (रिवॉल्वर, पिस्टल, तलवार), और संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए। इसके बाद से पुलिस ने कई टीमें बनाकर तोमर बंधुओं के रिश्तेदारों और परिचितों के ठिकानों पर दबिश तेज कर दी है।
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ये हैं हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधु
वीरेंद्र सिंह तोमर करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो उनका छोटा भाई रोहित सिंह तोमर ‘गोल्डमैन’ के नाम से भी जाना जाता है। रायपुर के इस हिस्ट्रीशीटर पर 12 से ज्यादा गंभीर मामले दर्ज, जिनमें सूदखोरी, जबरन वसूली, गोलीबारी, अपहरण, मारपीट, और महिलाओं के खिलाफ हिंसा शामिल हैं। सोने से जड़े कपड़े और लग्जरी गाड़ियों के काफिले के लिए मशहूर रोहित अवैध सूदखोरी के दम पर आलीशान जिंदगी जीता रहा है।
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पुलिस की कार्रवाई और बरामदगी
क्राइम ब्रांच और तेलीबांधा थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने अब तक की छापेमारी में करोड़ों की नकदी, 2 किलो सोना, 2 पिस्टल, 20 कारतूस, लग्जरी गाड़ियां, और अवैध सूदखोरी से कमाई गई संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए हैं। पुलिस को शक है कि तोमर बंधु रायपुर में ही किसी परिचित के यहां छिपे हैं। रोहित का मोबाइल बंद है, और उसका निजी बाउंसर भी गायब है।
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पुराने मामलों की भी खुल रही परतें
पुलिस अब तोमर बंधुओं के खिलाफ रायपुर के विभिन्न थानों वीआईपी रोड, भाठागांव, कबीर नगर, कोतवाली, आजाद चौक, गुढ़ियारी, अमलीडीह, और हलवाई लाइन में दर्ज हत्या, सूदखोरी, मारपीट, अपहरण, और गोलीबारी जैसे मामलों की भी जांच कर रही है। दोनों भाई कई बार जेल जा चुके हैं, लेकिन जमानत पर बाहर आकर फिर अपराध की दुनिया में सक्रिय हो जाते हैं।
यह हो सकता है पुलिस का अगला कदम
रायपुर पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं, जो तोमर बंधुओं की तलाश में दिन-रात जुटी हैं। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को मिले नए सुरागों के आधार पर जल्द ही कोई बड़ा खुलासा हो सकता है। फिलहाल, यह सवाल बना हुआ है कि आखिर तोमर बंधु कहां हैं, क्या वे रायपुर में ही छिपे हैं, या कहीं और फरार हो चुके हैं?
रायपुर के हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधु | तोमर बंधुओं की गिरेबान तक नहीं पहुंच पा रहे कानून के लंबे हाथ | raipur Tomar brothers | The long arms of the law are unable to reach the history-sheeter Tomar brothers