तोमर बंधुओं के कारनामे : अश्लील वीडियो और सूदखोरी के जरिए वसूली का खुलासा

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर और उनके भाई, कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रोहित सिंह तोमर पर अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग, सूदखोरी, जबरन वसूली, मारपीट, अपहरण और गोलीबारी जैसे गंभीर आरोप हैं।

author-image
Krishna Kumar Sikander
New Update
The exploits of Tomar brothers: Extortion through pornographic videos and usury exposed the sootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर और उनके भाई, कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रोहित सिंह तोमर के अवैध साम्राज्य का पर्दाफाश किया है। इन दोनों भाइयों पर अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग, सूदखोरी, जबरन वसूली, मारपीट, अपहरण और गोलीबारी जैसे गंभीर आरोप हैं। क्राइम ब्रांच की 25 सदस्यीय टीम ने भाठागांव के ढेबर कालोनी के निकट स्थित तोमर बंधुओं के निवास पर छापेमारी की। करीब 15 घंटे तक चली छापेमारी में करोड़ों की संपत्ति, अवैध हथियार और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए।

ये खबर भी पढ़ें... तोमर बंधुओं का आपराधिक साम्राज्य और सिस्टम की नाकामी

सूदखोरी और रंगदारी के धंधे को बनाया ताकत 

कभी रायपुर के रेलवे स्टेशन पर छोटा-मोटा काम करने वाले तोमर बंधुओं ने अपराध की दुनिया में कदम रखते हुए सूदखोरी और रंगदारी के धंधे को अपनी ताकत बनाया। वीरेंद्र सिंह तोमर, जो करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ अध्यक्ष के रूप में जाना जाता है, और उनके भाई रोहित तोमर, जिन्हें 'गोल्डमैन' के नाम से रायपुर में कुख्याति मिली, ने छोटे कारोबारियों और जरूरतमंद लोगों को निशाना बनाया। पुलिस के अनुसार, दोनों भाई 15 से 20 प्रतिशत की बेतहाशा ब्याज दर पर कर्ज देते थे। कर्ज न चुका पाने वालों को डराने-धमकाने, मारपीट करने और अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने जैसे हथकंडे अपनाते थे। एक पीड़ित ने बताया कि 5 लाख रुपये के कर्ज के बदले इन लोगों ने 30 लाख रुपये की वसूली की और चेक, कोरे स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर और जमीन की रजिस्ट्री करवाकर संपत्ति हड़प ली।

ये खबर भी पढ़ें... साइबर ठगी के शिकार 18 बैंक खाते और 1.5 करोड़ का लेनदेन, आरोपी गिरफ्तार

 

 

पुलिस की ताबड़तोड़ छापेमारी, भारी संपत्ति जब्त

तोमर बंधुओं के विरुद्ध पीड़ित अब खुलकर सामने आने लगे हैं तो पुलिस भी दोनों भाइयों, के अलावा भतीजे दिव्यांश तोमर को भी निशाने पर लेने से पीछे नहीं रही। इसके अतिरिक्त आरोपियों की पत्नियों और परिवार के अन्य सदस्यों को भी आरोपी बनाया है। आरोपी स्पा सेंटर में लोगों की अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर जबरन वसूली करते थे। गत 4 जून 2025 की रात को रायपुर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने तेलीबांधा थाने में दर्ज एक प्रकरण के आधार पर सर्च वारंट के साथ तोमर बंधुओं के साईं विला में छापा मारा। इस कार्रवाई में पुलिस ने 35.10 लाख रुपये नकद, 734 ग्राम सोने के जेवर, 125 ग्राम चांदी के जेवर, एक रिवॉल्वर, एक पिस्टल, 20 जिंदा कारतूस, पांच लोहे की तलवारें, बीएमडब्ल्यू और थार जैसी लग्जरी गाड़ियां, नोट गिनने की मशीन, जमीन के दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए। छापेमारी से पहले ही दोनों भाई और रोहित का निजी बाउंसर फरार हो गए। पुलिस ने उनकी तलाश में कई टीमें गठित की हैं, लेकिन रोहित का मोबाइल बंद होने और उनके ठिकानों पर कोई सुराग न मिलने से जांच और तेज कर दी गई है।

ये खबर भी पढ़ें... पत्रकारों से मारपीट करने वाले बाउंसरों का सिर मुंडवाकर निकाला गया जुलूस

अश्लील वीडियो और ब्लैकमेलिंग का काला खेल

पुलिस के अनुसार, तोमर बंधु जरूरतमंद लोगों को कर्ज देने के बाद उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए अश्लील वीडियो बनाते थे। इन वीडियो का इस्तेमाल कर वे पीड़ितों से भारी रकम वसूलते और संपत्ति हड़प लेते थे। एक मामले में, एक कारोबारी ने बताया कि 5 लाख रुपये के कर्ज के बदले 2 करोड़ रुपये की वसूली का दबाव बनाया गया और उनके बेटे को जान से मारने की धमकी दी गई। रोहित तोमर के खिलाफ रायपुर के विभिन्न थानों में 12 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं, जिनमें सूदखोरी, मारपीट, अपहरण, गोलीबारी और महिलाओं से दुर्व्यवहार शामिल हैं। 2019 में कबीर नगर के एक कारोबारी ने ब्लैकमेलिंग और सूदखोरी की शिकायत दर्ज की थी, जबकि 2017 में भाठागांव की एक महिला ने मारपीट और धमकी का मामला दर्ज कराया था।

ये खबर भी पढ़ें... पत्रकारों के साथ मारपीट करना पड़ा भारी, सीएम हाउस घेरा 

करणी सेना और आपराधिक नेटवर्क

वीरेंद्र तोमर, जो करणी सेना का छत्तीसगढ़ अध्यक्ष है और रोहित ने संगठित अपराध के जरिए रायपुर में एक बड़ा नेटवर्क खड़ा किया। कुछ जानकारों का मानना है कि उनका यह नेटवर्क 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले जैसे बड़े मामलों से भी जुड़ा हो सकता है, हालांकि इसकी कोई ठोस पुष्टि नहीं हुई है। करणी सेना जैसे संगठन से जुड़ाव ने इस मामले को सामाजिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील बना दिया है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि बाहरी अपराधियों को छत्तीसगढ़ में इतना संरक्षण कैसे मिला? एक यूजर ने लिखा, "उत्तर प्रदेश से आए इन भाइयों ने रायपुर में अपराध का साम्राज्य खड़ा कर लिया, लेकिन प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े करती है।

सिस्टम की नाकामी और पुलिस की कार्रवाई

तोमर बंधुओं का मामला रायपुर में संगठित अपराध और प्रशासनिक कमियों को उजागर करता है। छोटे स्तर के अपराधों से शुरूआत कर इन भाइयों ने आलीशान बंगले, महंगी गाड़ियां और निजी सुरक्षा गार्डों की फौज खड़ी की। पुलिस ने पहले भी कई बार रोहित को जेल भेजा, लेकिन जमानत पर छूटते ही वह फिर अपराध में लिप्त हो जाता था। पुलिस ने अब आर्म्स एक्ट के तहत अलग से कार्रवाई शुरू की है और आर्थिक अपराध शाखा, इनकम टैक्स और प्रवर्तन निदेशालय को भी इस जांच में शामिल करने की बात कही जा रही है। धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने कहा, "डबल इंजन की सरकार में अपराधियों के हौसले पस्त किए जाएंगे। रोहित तोमर जैसे अपराधियों का जुलूस निकालकर सबक सिखाया जाएगा।"

सबसे बड़ी चुनौती तोमर बंधुओं की गिरफ्तारी 

तोमर बंधुओं के फरार होने के बाद पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनकी गिरफ्तारी और उनके नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करना है। रायपुर पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही दोनों भाइयों को पकड़ लिया जाएगा। साथ ही, उनके अवैध कब्जे वाली जमीनों को खाली कराने और जिला बदर करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। यह मामला न केवल रायपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को उजागर करता है, बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि संगठित अपराध के खिलाफ कितनी सख्ती से कार्रवाई हो रही है। समाज में बढ़ते अपराध और रसूखदारों के संरक्षण के कारण जनता का विश्वास डगमगा रहा है। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कितनी पारदर्शिता और सख्ती दिखाती है।

 

तोमर बंधुओं के कारनामे

तोमर बंधुओं के कारनामे पुलिस ने बड़ी कार्रवाई छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर अवैध साम्राज्य का पर्दाफाश कुख्यात हिस्ट्रीशीटर रोहित सिंह तोमर करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर