खैरबार ग्राम पंचायत के बच्चों का अधर में भविष्य, राजस्व ग्राम का दर्जा न मिलने से स्कॉलरशिप और जाति प्रमाण पत्र अटके

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले की खैरबार ग्राम पंचायत, जहां 5,000 से अधिक की आबादी निवास करती है, आज भी अपनी मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है। इस वन ग्राम के निवासियों को न तो अपनी जमीन की रजिस्ट्री मिल पा रही है।

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Krishna Kumar Sikander
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The future of the children of Khairbar Gram Panchayat is in limbo the sootr
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छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले की खैरबार ग्राम पंचायत, जहां 5,000 से अधिक की आबादी निवास करती है, आज भी अपनी मूलभूत समस्याओं से जूझ रही है। इस वन ग्राम के निवासियों को न तो अपनी जमीन की रजिस्ट्री मिल पा रही है, न ही उनके बच्चों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्कॉलरशिप का लाभ मिल रहा है। कागजी कार्रवाई के अभाव में जाति प्रमाणपत्र नहीं बन पाने से ग्रामीण आरक्षण और सरकारी योजनाओं से वंचित हैं।

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गांव के बच्चे सबसे ज्यादा परेशान

ग्राम पंचायत की उप सरपंच रीता बडगे ने बताया, "हमारे गांव के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। स्कॉलरशिप न मिलने से उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। कागज के अभाव में जाति प्रमाणपत्र नहीं बन पाता, जिससे वे उच्च शिक्षा और नौकरी में आरक्षण के लाभ से वंचित रह जाते हैं।" ग्रामीण अनिल मिंज ने कहा, "हमारे बच्चे कितना भी पढ़-लिख लें, लेकिन बिना जाति प्रमाणपत्र के उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता।"

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पूरे गांव का एक ही खसरा नंबर

खैरबार गांव की सबसे बड़ी समस्या यह है कि पूरे गांव का एक ही खसरा नंबर है, जिसके कारण जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही। इस वजह से ग्रामीणों को न तो जमीन का मालिकाना हक मिल रहा है और न ही अन्य सरकारी सुविधाएं। 11 साल पहले, तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने खैरबार वन ग्राम को राजस्व ग्राम बनाने का आश्वासन दिया था। डॉ. रमन सिंह की सरकार चली गई। नई सरकार आई और अब फिर प्रदेश में भाजपा की सरकार है और डॉ. रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष हैं। इसके बावजूद यह वादा आज तक पूरा नहीं हो सका। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 22 सालों से ग्राम सभा में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पास करते आ रहे हैं, फिर भी कोई ठोस प्रगति नहीं हुई।

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सर्वे का काम हो चुका है पूरा 

सरगुजा प्रशासन ने जनवरी 2022 में दावा किया था कि सर्वे का काम पूरा हो चुका है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि इसके बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया। वर्तमान में भाजपा की सरकार एक बार फिर सत्ता में है, और खैरबार के लोग सरकार से अपने पुराने वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं।

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राजस्व ग्राम का दर्जा की मांग अधूरी

ग्रामीणों का कहना है कि राजस्व ग्राम का दर्जा मिलने से न केवल जमीन की रजिस्ट्री संभव हो सकेगी, बल्कि बच्चों को स्कॉलरशिप और जाति प्रमाणपत्र जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हो सकेंगी। मौजूदा शैक्षणिक सत्र में स्कॉलरशिप न मिलने से कई परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, जिसका सीधा असर बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है। खैरबार के निवासियों ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है ताकि उनके गांव को राजस्व ग्राम का दर्जा मिले और उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके।

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