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छत्तीसगढ़ में मानसून की लगातार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, और रेल यात्रियों को विशेष रूप से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मध्य छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर रेल पटरियां पानी में डूब गई हैं, जिसके चलते कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है। ट्रेनों के रद्द होने और देरी से यात्रियों को स्टेशनों पर लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी और बारिश का प्रभाव
मौसम विभाग ने 10 जुलाई 2025 को मध्य छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में औसतन 13.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, और अब तक कुल 343.6 मिमी वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य से 15% अधिक है। विशेष रूप से दुर्ग जिले में 13 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया।
शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ा
बारिश के कारण मोंगरा बांध से पानी छोड़ा गया, जिससे शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इससे कई गांवों और शहरी क्षेत्रों की कॉलोनियों में जलभराव का खतरा पैदा हो गया है। क्षेत्रीय स्तर पर बारिश का ब्यौरा इस प्रकार है:
बालोद: 12 सेमी
अहिवारा: 10 सेमी
धमधा, मंदिरहसौद, गंडई: 9 सेमी
बोरई, अर्जुदा: 8 सेमी
भिलाई, पाटन, भखारा, धरसींवा, डौंडीलोहारा : 7 सेमी
रायपुर शहर, खैरागढ़, माना, मारी बंगला: 6 सेमी
राजनांदगांव, सरायपाली, आरंग, अंबागढ़ चौकी, पामगढ़, खरोरा, गोबरा नवापारा, गुंडरदेही, छुरिया, लाभांडी, मोहला: 5 सेमी
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रेल यात्रियों की परेशानी
दुर्ग रेलवे स्टेशन पर जलमग्न रेल पटरियों ने ट्रेनों की आवाजाही को ठप कर दिया है। कई ट्रेनें या तो रद्द कर दी गई हैं या घंटों देरी से चल रही हैं। स्टेशनों पर अस्थायी शेडों की कमी और जलभराव के कारण यात्रियों को बारिश में भीगते हुए ट्रेनों का इंतजार करना पड़ रहा है। परिवारों, बच्चों और बुजुर्गों के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों को खासतौर पर परेशानी हो रही है। कुछ यात्रियों ने स्टेशनों पर पानी और कीचड़ के बीच सामान ढोने की शिकायत की, जबकि खानपान और बुनियादी सुविधाओं की कमी ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
रेलवे और प्रशासन की कोशिशें
रेलवे प्रशासन जलभराव को कम करने और रेल यातायात को सामान्य करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहा है। पानी निकासी के लिए पंप और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन भारी बारिश के कारण यह काम चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, 11 जुलाई से बारिश की तीव्रता में कमी आने की संभावना है, जिससे रेल सेवाओं को बहाल करने में मदद मिल सकती है।
जनजीवन और यातायात पर असर
हालांकि बारिश ने खेतों और जलस्रोतों को लाभ पहुंचाया है, लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव भी स्पष्ट है। शिवनाथ नदी के उफान पर होने से कई गांवों और कॉलोनियों में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है। सड़कों पर जलभराव के कारण सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ है, और कई क्षेत्रों में आवागमन ठप हो गया है।
यात्रियों के लिए सुझाव
मौसम विभाग और रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले ट्रेनों की स्थिति की जानकारी ले लें। रेलवे हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से ट्रेनों की ताजा स्थिति जानी जा सकती है। साथ ही, नागरिकों से बारिश के दौरान सावधानी बरतने और जलभराव वाले क्षेत्रों से बचने की सलाह दी गई है।छत्तीसगढ़ में मानसून की यह सक्रियता जहां किसानों के लिए वरदान है, वहीं रेल यात्रियों और यातायात व्यवस्था के लिए चुनौती बन गई है। रेलवे और जिला प्रशासन की ओर से स्थिति को सामान्य करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन तब तक यात्रियों को धैर्य और सावधानी बरतने की जरूरत है।
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