Ramanujganj Vaishno Devi Mandir: छत्तीसगढ़ समेत देशभर में नवरात्रि धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज तीसरे दिन मां चंद्रघंटा देवी की पूजा की जाती है। बलरामपुर जिले के रामानुजगंज में पहाड़ी की चोटी पर माता वैष्णोदेवी का मंदिर है। सात पहाड़ियों के बीच स्थित इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर यहां आते हैं, माता रानी उनकी मनोरथ पूरी करती है। यहां नवरात्र में भक्तों का तांता लगा रहता है।
ऐसा माना जाता है कि मां वैष्णो देवी ने रामानुजगंज के अशोक गोंड को सपने में दर्शन दिया था। सपने में मां वैष्णो ने अशोक को बताया कि मैं इस पहाड़ी पर विराजमान हूं। मेरी स्थापना इस 07 पहाड़ों की श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी पर करो, कल्याण होगा। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से मंदिरों का निर्माण कराया गया। मंदिर समुद्र तल से लगभग 11000 फीट के ऊपर है, जो सात पहाड़ियों की श्रृंखला में सबसे ऊंची चोटी मालकेतू पर्वत पर स्थापित है।
दूसरे राज्यों से आते हैं भक्त
नवरात्रि के दौरान यहां छत्तीसगढ़ सहित दूसरे राज्यों झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश मध्यप्रदेश और ओडिशा राज्यों से भी श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं। नवरात्र के दौरान यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। पहले मंदिर तक पहुंचने के लिए कोई सुविधा नहीं था, लेकिन अब मंदिर तक सड़क निर्माण कराया गया है।
जानिए कैसे करें मां चंद्रघंटा देवी की पूजा
मां चंद्रघंटा की पूजा करने के लिए सुबह स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। मां चंद्रघंटा का ध्यान और स्मरण करें। माता चंद्रघंटा की मूर्ति को लाल या पीले कपड़े पर रखें। मां को कुमकुम और अक्षत का लगाएं। विधिपूर्वक मां की पूजा करें। मां चंद्रघंटा को पीला रंग अर्पित करें। मां चंद्रघंटा देवी को मिठाई और दूध से बनी खीर बहुत पसंद है। देवी चंद्रघंटा की पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें। दुर्गा सप्तशती और चंद्रघंटा माता की आरती का पाठ करें।
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