कोयला खदान के लिए ग्रामीण नहीं खाली कर रहे जमीन

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के एसईसीएल कुसमुंडा की अर्जित जटराज की भूमि पर ग्रामीण खदान विस्तार नहीं होने दे रहे हैं। पुलिस प्रशासन के सहयोग ने एसईसीएल फिर प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके।

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Krishna Kumar Sikander
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Villagers are not clearing land for coal mine the sootr
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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के एसईसीएल कुसमुंडा की अर्जित जटराज की भूमि पर ग्रामीण खदान विस्तार नहीं होने दे रहे हैं। पुलिस प्रशासन के सहयोग ने एसईसीएल फिर प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। खदान अधिकारियों ने पुलिस के साथ मिलकर जमीन पर कब्जा करने पहुंचे तो बड़ी संख्या में ग्रामीण भी पहुंच गए। ग्रामीणों ने खदान अधिकारियों और पुलिस का विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों के विरोध के कारण एसईसीएल कुसमुंडा को खदान विस्तार के लिए जमीन नहीं मिल सकी। 

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कब्जा लेने का ग्रामीणों ने किया विरोध 

कोरबा के एसईसीएल कुसमुंडा ने अर्जित गांव जटराज की भूमि पर खदान विस्तार के लिए कब्जा लेने पहुंची। एसईसीएल के अधिकारियों के साथ पुलिस बल भी था। ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली तो मौके पर पहुंच गए और विरोध करने लगे। उनका आरोप है कि जमीन अधिग्रहित तो की गई, लेकिन आजतक भू-स्वामियों को इसका मुआवजा और परिवार को नौकरी नहीं दिया गया। अगर उनकी भूमि पर खदान का विस्तार शुरू हो गया तो फिर कभी न मुआवजा मिलेगा और न परिवार के सदस्य को नौकरी मिल सकेगी।

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खदान के विस्तार का प्रयास जारी

एसईसीएल कुसमुंडा खदान क्षेत्र का विस्तार करने का प्रयास जारी है। इसके लिए कई वर्ष पहले गांव जटराज की भूमि अधिग्रहित की गई थी। उस समय ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया था कि उनकी भूमि के बदले मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। इसके बावजूद आजतक कई ग्रामीणों को न मुआवजा दिया गया और परिवार के सदस्य को नौकरी मिली। 

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मुआवजा और नौकरी का मामला लंबित

कई किसानों का मुआवजा और नौकरी का मामला लंबित है। इसके कारण ग्रामीण अपनी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि जब एसईसीएल के अधिकारियों के साथ पुलिस बल गांव खाली कराने पहुंचे तो ग्रामीण अधिकारियों और मशीनों के सामने खड़े हो गए। ग्रामीणों के विरोध के कारण कटघोरा तहसीलदार और पुलिस अधिकारी गांव खाली नहीं करवा सके। 

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