छत्तीसगढ़ के मोहला, मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के गोटाटोला थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। पलांदुर गांव के 72 वर्षीय बुजुर्ग गोवर्धन नागवंशी पर एक जंगली सुअर ने जानलेवा हमला कर दिया, जिससे गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। यह घटना क्षेत्र में मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ते संघर्ष का ताजा उदाहरण बन गई है।
ये खबर भी पढ़ें... पूर्व मंत्री के भतीजे को ढाई करोड़ का मुआवजा,मास्टर माइंड खनूजा ने तहसीलदार पत्नी के नाम पर खरीदी जमीन
बुजुर्ग पर मौत बनकर टूटा हमला
रविवार की सुबह लगभग 11 बजे गोवर्धन नागवंशी साइकिल से किसी काम के सिलसिले में ककईपार गांव की ओर जा रहे थे। तभी रास्ते में एक तालाब के पास घात लगाए बैठे जंगली सुअर ने अचानक हमला कर दिया। हमले की भयावहता इतनी थी कि बुजुर्ग के पेट की अतड़ियां बाहर आ गईं, पीठ में गहरा घाव और जांघों-पैरों में गंभीर चोटें आईं।
ग्रामीणों ने बचाई जान, फिर भी न बच सके गोवर्धन
घटना के दौरान खेतों में काम कर रहे गंगाराम और कैलाश नामक ग्रामीणों ने हमले की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचकर किसी तरह गोवर्धन को सुअर से बचाया और 108 एंबुलेंस की मदद से उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मोहला पहुंचाया गया। हालत गंभीर होने के कारण उन्हें राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
ये खबर भी पढ़ें... सरकारी आवास में कुर्सी पर मिला अधिकारी का शव, कार्यालय में शोक
जिले में तीसरी घटना
यह घटना मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में जंगली सुअर के हमले की तीसरी घटना है। इन दिनों तेंदूपत्ता तुड़ाई का कार्य जोरों पर है, जिसके चलते ग्रामीण सुबह 3 बजे से ही जंगलों की ओर निकल जाते हैं। ऐसे समय में जंगली जानवरों से आमना-सामना होने की आशंका भी काफी बढ़ गई है।
वन विभाग की अपील और सहायता
वनमंडलाधिकारी दिनेश पटेल ने बताया कि मृतक की मौत वन्यप्राणी हमले से हुई है। विभाग की टीम ने मौके का निरीक्षण किया है और मृतक के परिजनों को 25,000 रुपये की तात्कालिक सहायता राशि सोमवार को प्रदान कर दी जाएगी। शासन की योजना के तहत 6 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति में से शेष 5.75 लाख रुपये की प्रक्रिया भी शीघ्र पूर्ण की जाएगी।
ये खबर भी पढ़ें... सारागांव हादसे में मृतकों को मिलेगा 5 लाख रुपए, 13 लोगों की हुई थी मौत
प्रशासन की चेतावनी
प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि तेंदूपत्ता तुड़ाई का कार्य सूर्योदय के बाद करें और जंगलों में समूह में जाएं, ताकि वन्यजीवों के हमलों से बचा जा सके। गर्मी के मौसम में जलस्रोतों की कमी से जंगली जानवर मानव बस्तियों के नजदीक आ रहे हैं, जिससे संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। यह घटना केवल एक व्यक्तिगत क्षति नहीं, बल्कि वन्यजीव और मानव के बीच बिगड़ते संतुलन की चेतावनी है।
ये खबर भी पढ़ें... 14 वर्षीय लड़की बनी मां...आरोपी पहुंचा सलाखों के पीछे
wild boar | attack | old man died | chattisgarh